mp news: मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले में एक युवक की हत्या का खुलासा करने में पुलिस को खासा पसीना बहाना पड़ा। युवक को बड़ी ही प्लानिंग के तहत मौत के घाट उतारा गया था। सबसे खास बात ये थी कि जिस युवक की हत्या की गई थी उसके कोई रिश्वतेदार तक नहीं हैं और न ही उसकी किसी के साथ कोई दुश्मनी थी। ऐसे में पुलिस को युवक की हत्या की गुत्थी सुलझाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी लेकिन आखिरकार कानून के लंबे हाथ कातिल व कत्ल की साजिश रचने वाले मास्टरमाइंड तक पहुंच ही गए।
नरसिंहपुर जिले के करेली में अमोल मेहरा नाम के शख्स के खेत पर बने गोदाम के बाहर 11 जून को एक युवक की लाश मिली थी। लाश होने की सूचना खुद अमोल मेहरा ने पुलिस को दी थी। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की तफ्तीश शूरू की। तफ्तीश के दौरान मृतक की पहचान नारायण काछी निवासी खुलरी गांव के तौर पर हुई जो कि अधिकतर वक्त करेली में ही रहता था। पुलिस ने नारायण काछी के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि उसके आगे पीछे कोई नहीं था और उसके पास ऐसा कुछ भी नहीं था जिसके कारण उसकी हत्या की जा सके।
नरसिंहपुर एसपी मृगाखी डेका बताया कि युवक की हत्या की गुत्थी उलझी हुई थी और कोई सुराग नहीं मिल पा रहा था। ऐसे में पुलिस ने इलाके के बदमाशों से पूछताछ शुरू की। पूछताछ के दौरान बसंत वंशकार निवासी नरसिंहपुर का नाम सामने आया। पुलिस ने उसे पकड़कर पूछताछ की तो उसने वारदात को अंजाम देना कबूल किया। बसंत वंशकार ने 40 हजार रूपये में नारायण की सुपारी ली थी और ये सुपारी एक रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर शंकर लाल झारिया ने उसे दी थी। इस आधार पर पुलिस ने शंकर लाला झारिया को पकड़ा और पूछताछ की तो पूरी साजिश का खुलासा हो गया।
पुलिस की पूछताछ में रिटायर्ड इंस्पेक्टर शंकर लाल झारिया ने बताया कि अमोल मेहरा जिसके खेत पर लाश मिली है वो उसका समधी है। अमोल की बेटी की शादी उसके बेटे के साथ हुई थी लेकिन दोनों में विवाद हो गया और अमोल व उसकी बेटी ने शंकर लाल व उसके बेटे खे खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया है। इसी बात का बदला लेने के लिए उसने अमोल को फंसाने साजिश रची। साजिश के तहत बदमाश बसंत के साथ मिलकर पहले तो ऐसे व्यक्ति की पहचान की गई जिसके आगे पीछे कोई न हो और फिर बदमाश बसंत वंशकार से नारायण की हत्या कराकर उसकी लाश को समधी अमोल के खेत पर फिंकवा दिया था जिससे हत्या का शक अमोल पर जाए।