पुलिस के अनुसार,
आत्मसमर्पण करने वाले इन नक्सलियों पर कुल मिलाकर 37 लाख 50 हजार रुपए का इनाम घोषित था। इनमें से कई लंबे समय से क्षेत्र में सक्रिय थे और स्थानीय ग्रामीणों में दहशत का माहौल बनाए हुए थे। अबूझमाड़ के इन दुर्गम इलाकों में इन नक्सलियों की तूती बोला करती थी।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने बताया कि अबूझमाड़ में लगातार हो रही पुलिस कैंपों की स्थापना और विकास कार्यों की शुरुआत से संगठन कमजोर हुआ है। इसके साथ ही प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे पुनर्वास योजनाओं और जनजागरण अभियानों ने भी उन्हें मुख्यधारा से जुड़ने के लिए प्रेरित किया।
Naxal News: पुलिस अधिकारियों का मानना है कि यह आत्मसमर्पण भविष्य में अन्य नक्सलियों के लिए भी एक मजबूत संदेश है। सुरक्षा बलों ने यह स्पष्ट किया है कि आत्मसमर्पण करने वालों को राज्य सरकार की
पुनर्वास नीति के तहत मदद दी जाएगी।