युवा नवरस फाउंडेशन की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम के माध्यम से देशभर की सांस्कृतिक विविधताओं को एक मंच पर लाने का प्रयास किया जाएगा। सात दिवसीय राष्ट्रीय शिविर में विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से चयनित 150 प्रतिभाशाली बालिकाएं भाग लेंगी। ये बालिकाएं अपने क्षेत्र की लोक कला, भाषा, पहनावा, संगीत और परंपराओं का आदान-प्रदान करेंगी और भारत की सांस्कृतिक एकता को एक नई पहचान देंगी।
कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए स्पोर्ट्स क्लब डेह, नंदी यूथ फाउंडेशन एवं कुंजल माता युवा मंडल समिति, बलदेवराम मिर्धा राजकीय महाविद्यालय सहित सीमेंट कम्पनी, डेह के निजी स्कूलों के साथ डेह ग्रामवासियों का सहयोग मिल रहा है।
संस्कृति के साथ ज्ञान और अनुभव की यात्रा फाउंडेशन के संयोजक हेमेन्द्र पालडि़या ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान बालिकाओं को केवल सांस्कृतिक आदान-प्रदान तक ही सीमित नहीं रखा जाएगा, बल्कि उन्हें मेहरानगढ़ किला, जसवंत थड़ा, मीरा बाई मंदिर मेड़ता, बुटाटी धाम, दरियाव धाम जैसे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक स्थलों का भ्रमण भी कराया जाएगा, ताकि वे राजस्थान की गौरवशाली विरासत से परिचित हो सकें ।
सांस्कृतिक संध्या शिविर में ‘सांस्कृतिकसंध्या’ का आयोजन होगा, जिसमें सभी प्रतिभागी बालिकाएं पारंपरिक वेशभूषा में अपने राज्यों के लोक नृत्य, लोक गीत और वाद्य की प्रस्तुति देकर भारत की सांस्कृतिक विविधता को सजीव करेंगी।
नागौर की सड़कों पर गूंजेगी सांस्कृतिक रैली कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण होगा ‘सांस्कृतिक रैली’, जिसमें बालिकाएं पारंपरिक पोशाकों में अपने-अपने राज्यों की झलक प्रस्तुत करते हुए पूरे नागौर शहर में नगर भ्रमण करेंगी। यह रैली राष्ट्रीय एकता का संदेश लेकर आमजन को भावविभोर करेगी।
गांव से जुड़ने की पहल ‘विलेजविजिट’ प्रतिभागियों को डेह एवं आसपास की ढाणियों में ले जाकर स्थानीय जीवनशैली से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। वे ग्रामीण परिवारों से संवाद करेंगी, उनकी जीवनशैली को समझेंगी और जमीनी हकीकत से जुड़कर सामाजिक सहभागिता और संवेदनशीलता का पाठ पढ़ेंगी।
शारीरिक और मानसिक विकास पर फोकस प्रत्येक दिन योग सत्र, स्थानीय खेल प्रतियोगिताएं और स्वास्थ्य आधारित गतिविधियां आयोजित की जाएंगी, ताकि बालिकाओं का समग्र मानसिक, शारीरिक और आत्मिक रूप से विकास संभव हो सके।