नमी और तेज़ हवा से भी वातावरण स्वच्छ
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून की बारिश की बूंदें हवा में मौजूद प्रदूषक कणों को ज़मीन पर गिरा देती हैं। जिससे प्रदूषण का स्तर कम हो जाता है। साथ ही मानसून के दौरान बढ़ी नमी और तेज़ हवा से भी वातावरण स्वच्छ होता है। यह प्रक्रिया ‘वेट डिपोजीशन’ के नाम से जानी जाती है, जो स्वच्छता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
बारिश से हवा हुई साफ
मानूसन सीजन में बारिश का दौर लगातार बना हुआ है। प्रदेश के पूर्वी इलाकों में बरसात का क्रम काफी दिनों से जारी है। वहीं पश्चिमी राजस्थान में भी बरसात काफी हुई है। सीजन में अब भी बारिश जारी रहने से प्रदूषण का स्तर लगातार घट रहा है। प्रदेश के बड़े औद्योगिक शहरों में भी बारिश के चलते पॉल्यूशन लेवल काफी घटा है।
शहरों का एक्यूआई 100 के भीतर
राजधानी जयपुर में 7 जुलाई को एक्यूआई 63 दर्ज किया गया, जो पिछले दो दिनों के मुकाबले काफी बेहतर स्थिति को दर्शाता है। इसी प्रकार अलवर (70), भरतपुर (30), भीलवाड़ा (58), उदयपुर (46), अजमेर (63) और जोधपुर (49) में एक्यूआई अच्छे और संतोषजनक स्तर पर है। वहीं नागौर का एक्यूआई पिछले तीन दिनों में क्रमश : 67, 51 व 70 दर्ज किया गया है। कई शहरों में तो एक्यूआई 50 के भी नीचे रहा जो बहुत अच्छा माना जाता है।
यहां पर एक्यूआई 50 से भी नीचे
प्रदेश के कई शहरों में एक्यूआई 50 के नीचे दर्ज किया गया है। पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ों बताते है कि पिछले 5 व 6 जुलाई को भरतपुर, धौलपुर, बांसवाड़ा, जोधपुर, डूंगरपुर, सिरोही व प्रतापगढ़ में एक्यूआई 50 से भी कम रहा। जो ग्रीन की श्रेणी में आता है।