उनके द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई एक पंखी की तस्वीर और उसका कैप्शन ‘देसी जुगाड़, कलाई की मेहनत से ठंडी हवा’ ने विवाद को और हवा दे दी। इस पोस्ट पर हजारों प्रतिक्रियाएं आईं, जिसमें कुछ ने इसे ज्योति मिर्धा की सियासी चाल बताया, तो कुछ ने इसे उनकी हताशा का प्रतीक माना।
क्या है पूरा मामला?
विद्युत विभाग ने नागौर सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल के घर का बिजली कनेक्शन काट दिया। विभाग के अनुसार, यह कनेक्शन बेनीवाल के भाई प्रेमसुख बेनीवाल के नाम पर है और इस पर 11 लाख 61 हजार 545 रुपये का बिल बकाया था। विभाग ने दावा किया कि कई बार नोटिस जारी करने और किश्तों में बिल जमा करने का मौका देने के बावजूद भुगतान नहीं हुआ, जिसके चलते 2 जुलाई को कनेक्शन काट दिया गया। वहीं, हनुमान बेनीवाल ने इस कार्रवाई को सरकार की ‘ओछी मानसिकता’ का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि मार्च में ही बिल सेटलमेंट के लिए 2 लाख रुपये जमा किए गए थे। बेनीवाल ने यह भी दावा किया कि उनका सांसद कार्यालय उसी स्थान पर संचालित होता है और उन्होंने बिजली विभाग से मीटर की जांच की मांग की थी। उन्होंने सवाल उठाया कि जब कई सरकारी विभागों पर बकाया है, तो केवल उनके कनेक्शन को ही क्यों निशाना बनाया गया।
बेनीवाल ने कहा कि मैं अपने कार्यालय का बिल खुद चुकाता हूं और आज तक सांसद के तौर पर कोई मेडिकल या अन्य सुविधा का खर्च नहीं लिया।
ज्योति मिर्धा के तंज ने बढ़ाया विवाद
इस घटना के बाद ज्योति मिर्धा ने फेसबुक पर एक पंखी की तस्वीर पोस्ट कर बिना नाम लिए तंज कसा। उनके पोस्ट ने सोशल मीडिया पर तूफान खड़ा कर दिया। गुरुवार शाम तक इस पोस्ट पर करीब 3 हजार रिएक्शन और सैकड़ों कमेंट्स आ चुके थे। कुछ यूजर्स ने बिजली विभाग की कार्रवाई को सही ठहराया, जबकि अन्य ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया। एक यूजर सरिता चौधरी ने ज्योति मिर्धा पर निशाना साधते हुए लिखा कि ज्योति मिर्धा जी, देसी पंखा हाथ में लेकर कटाक्ष करना आसान है, लेकिन जिनके पसीने से आंदोलन खड़े होते हैं, उन्हें आपके जैसे एसी में बैठ के ट्वीट करने वालों के तंज से कोई फर्क नहीं पड़ता। हनुमान बेनीवाल का कनेक्शन बिजली विभाग से नहीं, राजस्थान की उस जनभावना से है, जो हर बार सत्ता के गलियारों में उसकी धमक सुनाती।
आगे लिखा कि ज़रा सोचिए, जनता ने आपको कितने साल से वोट की लाइन में कनेक्ट तक नहीं किया? जिनके लिए राजनीति सिर्फ ट्वीट, प्रेस कॉन्फ्रेंस और तंज तक सीमित है, वो शायद समझ ही नहीं सकते कि एक खेतिहर बेटे का संघर्ष क्या होता है। बेनीवाल तपती दोपहरों, धूलभरी आँधियों और सिस्टम की आंधियों से लड़कर निकले हैं। बिजली भले कट जाए, पर जनता के दिलों में जो करंट चलता है, उसे कोई विभाग बंद नहीं कर सकता।
वहीं, एक अन्य यूजर शेखर ने ज्योति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि किसी भी पार्टी में रहकर उसका भट्टा बिठाने का देसी जुगाड़ भी मैडम से पूछ सकते है… ध्यान रहे लोकसभा चुनाव में संविधान बदलने वाला भाषण देकर देश में भाजपा की हवा ख़राब करने का श्रेय इन्ही को मिला था…नागौर में कांग्रेस का भट्टा बिठाने के बाद भाजपा का भी बिठा दिया है
सियासी नुकसान की आशंका
गौरतलब है कि ज्योति मिर्धा का यह तंज उनकी और बीजेपी की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है। सोशल मीडिया और ग्राउंड पर मिल रही प्रतिक्रियाएं इस ओर इशारा करती हैं। कुछ लोग इसे ज्योति की ताकत का प्रदर्शन मान रहे हैं, तो कई का कहना है कि इस कदम से उन्होंने अपनी सियासी जमीन को और कमजोर कर लिया। बेनीवाल के समर्थकों का कहना है कि यह कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध का नतीजा है, जो जनता के बीच उनकी सहानुभूति बढ़ा सकती है।