– ढाणियों तक में फैला छोटे-बड़े तस्करों का जाल अणदाराम विश्नोई कुचेरा (नागौर) क्षेत्र में लग्जरी जिन्दगी जीने की चाहत और जल्द अमीर बनने की लालसा ने लोगों को नशे के अवैध कारोबार के दलदल में फंसा दिया है। यह लालसा इस कदर बढ़ गई है कि युवाओं के साथ छोटे बच्चों तक को नशे का आदी बनाने से गुरेज नहीं है। युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ का यह खेल काफी पांव पसार चुका है।
स्थिति यह है कि शहर से लेकर गांव -ढाणियों तक में छोटे-बड़े तस्करों का जाल फैला है। मोटरसाइकिल व कार में और हाथ ठेलों व थड़ी, होटल ढाबों तक में अवैध नशा मिलने लगा है। राष्ट्रीय राजमार्ग व गांवों से जुड़ीसम्पर्क सड़कों के किनारे खड़े वाहनों व ढाबे -होटलों में मादक पदार्थों की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है। प्रभावी कार्रवाई के अभाव में तस्कर बस स्टेण्ड, चौक- चौराहों व चौपालों तक पहुंचकर मादक पदार्थ बेचने लगे हैं।
हम तो डूबे सो डूबे, तुमको भी ले डूबेंगे……. नशे के आगोश में डूबकर खुद की जिन्दगी बर्बाद करने वाले युवा अपने दोस्तों को भी नशे की लत में उलझा देते हैं। किशोरवय के बालकों व युवाओं को टार्गेट बनाकर नशे की लत में जकड़ा जा रहा है। नशे के कारण आज युवा जवानी से पहले बुढ़ापे की राह पकड़ने लगे हैं।
इन मादक पदार्थों की अवैध बिक्री कुचेरा व आस-पास के गांव को युवाओं और किशोरों को नशे की लत लगाने के लिए स्मैक, एमडीएमए, अफीम, डोडा पोस्त, विभिन्न नशीली गोलियों व प्रतिबंधित नशीली दवाओं की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है। नशे के लिए युवा नींद की गोलियां व अन्य रसायन, ताकत बढ़ाने की दवाओं के नाम पर मिलने वाले रसायनों का सेवन करने लगे हैं।
मानसिक व शारीरिक विकृति का खतरा नशा करने वाले युवाओं की मानसिक व शारीरिक स्थिति विकृत होने लगती है। स्मैक, एमडी एमए सहित हानिकारक रसायनों के लगातार सेवन से चिड़चिड़ापन, बुद्धिक्षीण, मनोरोग, शारीरिक दुर्बलता, यौन दुर्बलता सहित विभिन्न बीमारियां पनपने सगती है। साथ ही नशे पर 1000 से 1500 रुपए रोजाना खर्च होने से परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने लगती है।
बुटाटी के युवाओं ने की कार्रवाई की मांग बुटाटी गांव के युवाओं ने कुचेरा पुलिस थाने में ज्ञापन सौंपकर नशा बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। सोशल मीडिया के माध्यम से भी नशे का कारोबार करने वालों पर लगाम कसने की मांग की है।
मनुहार से लत तक का सफर नशेड़ी व्यक्ति अपने दोस्तों व रिश्तेदारों को नशे की मनुहार करते हैं और यहीं से उसका नशा करने का सफर शुरू होता है, जो धीरे-धीरे नशे की लत पड़ने के साथ आर्थिक व शारीरिक बर्बादी का कारण बन रहा है।
इनका कहना है मादक पदार्थ सेवन से व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। स्मैक, एम डीएमए जैसे मादक पदार्थ व्यक्ति के तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करते हैं। इससे मानसिक विकृति, शारीरिक दुर्बलता का सामना करना पड़ सकता है।
डॉ. रामअवतार जाखड़, चिकित्सा अधिकारी प्रभारी, सीएचसी कुचेरा। नशे के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस प्रशासन सख्त है। ऐसा कोई मामला ध्यान में आता है तो तुरन्त कार्रवाई की जाती है। आगे भी नशे के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी ।
सुनील चौधरी, थानाधिकारी, पुलिस थाना कुचेरा।