गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने गत दिनों इस संबंध में सिलसिलेवार समाचार प्रकाशित कर प्रदेश के छह जिलों में शिक्षण संस्थानों के 3564 बच्चों के नाम पर करीब 10 करोड़ से ज्यादा की राशि खुर्द-बुर्द करने का खुलासा किया था। पत्रिका ने बताया कि यह फर्जीवाड़ा अकेले राजस्थान ही नहीं, बल्कि प्रदेश के बाहर के भी तीन जिलों के 44 विद्यार्थियों के नाम पर किया गया। पत्रिका में समाचार प्रकाशित होने के बाद विभागीय अधिकारी हरकत में आए और अब कोतवाली थाने में ऐसे शिक्षण संस्थानों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है।
कोतवाली थानाधिकारी वेदपाल शिवरान ने बताया कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, नागौर के उपनिदेशक (अतिरिक्त कार्यभार) रामदयाल मांझू ने रिपोर्ट देकर फर्जी व कूटरचित दस्तावेजों से अनियमित छात्रवृत्ति का भुगतान प्राप्त करने वाली शिक्षण संस्थानों एवं आई.पी. एड्रेस के विरूद्ध रिपोर्ट दी है, जिस पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई है। रिपोर्ट में उपनिदेशक ने बताया कि विभाग की ओर से संचालित उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत राज्य में संचालित मान्यता प्राप्त (राजकीय एवं गैर राजकीय) शिक्षण संस्थानों में नियमित विद्यार्थियों को पात्रता अनुसार, नियमानुसार छात्रवृत्ति राशि जारी की जाती है। संबंधित विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त संस्थानों का नियमानुसार छात्रवृत्ति पोर्टल पर मैपिंग प्रोसेस की जाती है, इसके बाद संस्थान का नाम छात्रवृत्ति पोर्टल पर आवेदन के लिए प्रदर्शित होता है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग जयपुर के अतिरिक्त निदेशक (छात्रवृत्ति) के राजकाज रेफ्रेंस से 2 जून 2025 के माध्यम से अवगत करवाया गया कि नागौर जिले में कुछ शिक्षण संस्थानों ने स्वयं को फर्जी / कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर छात्रवृति पोर्टल पर पंजीकृत कर लिया है। नियामक संस्थानों की ओर से आवंटित सीटों को फर्जी / कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर बढाया है या कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर छात्रवृति राशि प्राप्त कर राजकोष को हानि पहुंचाई है। विभाग ने इस फर्जीवाड़े में काम ली गई एसएसओ आईडी व आई.पी. एड्रेस का विवरण भी पुलिस को उपलब्ध कराया है। उपनिदेशक ने रिपोर्ट में बताया कि रविन्द्रनाथ टैगोर लॉ कॉलेज कालवा फाटक बोरावड़, राज टैगारे इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट थांवला, गुरुकृपा विद्यालय पलाड़ा, गुरुकुल कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट ने फर्जीवाड़े से छात्रवृत्ति से राशि प्राप्त की है।