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नागौर

फसल बीमा योजना के सारे नियम कायदे सिर्फ किसानों पर लागू, नियमों की आड़ में बीमा कम्पनी की मनमानी

नियम 15 दिन में क्लेम राशि देने का, देते नहीं 15 महीने बाद भी, बीमा कम्पनी, किसानों को न तो पॉलिसी बॉन्ड देती है और न ही क्लेम पाने वाले किसानों की सूची चस्पा करती है, जबकि नियम है, सरकारी प्रीमियम के कारण किसानों को फसल खराबे के बावजूद अब तक नहीं मिला क्लेम

नागौरJun 25, 2025 / 11:30 am

shyam choudhary

PMFBY
नागौर. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नियम केवल किसानों पर ही लागू होते हैं, फिर चाहे निर्धारित तिथि तक प्रीमियम जमा कराना हो या फिर फसल खराबा होने पर समय पर सूचना देनी हो। ऐसे ही और भी कई नियम हैं, जिनकी पालना नहीं करने पर किसान को फसल खराबा होने के बावजूद क्लेम नहीं मिलेगा। हालांकि किसानों की तरह बीमा कम्पनी के लिए भी कई नियम-कायदे हैं, जिनकी पालना कम्पनी को करनी होती है, लेकिन कम्पनी आधे नियमों की पालना भी नहीं करती, इसके बावजूद कम्पनी के खिलाफ कोई कार्रवाई सिर्फ इसलिए नहीं होती, क्योंकि कृषि विभाग के उच्चाधिकारी उदासीन बने हुए हैं।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अधिसूचना में बीमा कम्पनी के दायित्वों में यह नियम है कि फसल कटाई के उपरांत खेत में सुखाने के लिए फैलाकर रखी हुई फसल में नुकसान होने की स्थिति में सर्वेयर की ओर से क्षति आंकलन संबंधी प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के 15 दिन के भीतर बीमा क्लेम राशि का हस्तांतरण डीबीटी के माध्यम से फसल बीमा पॉलिसी धारक पात्र कृषकों के खाते में करके लाभान्वितों की सूची संबंधितों को उपलब्ध करानी होती है, लेकिन इसमें शर्त यह है कि कम्पनी को प्रीमियम अनुदान प्राप्त हो गया हो। सरकार कभी समय पर प्रीमियम अनुदान जमा करवाती नहीं और किसानों को निर्धारित समयावधि में क्लेम मिलना तो दूर 15 दिन की जगह 15 महीने भी बीत जाते हैं, फिर भी क्लेम नहीं मिलता।
पिछले साल का क्लेम अब तक नहीं दिया

खरीफ 2024 की फसलों में अतिवृष्टि व सूखे की वजह से फसल खराबे का बीमा क्लेम अब तक नहीं मिला है। जबकि 2024 खरीफ में जिले के 3.54 लाख से अधिक किसानों ने 3 लाख, 21 हजार 66 हैक्टेयर भूमि पर बोई गई फसलों का बीमा करवाया था। इसके लिए कम्पनी को किसानों की ओर से 27.55 करोड़ रुपए की प्रीमियम राशि भुगतान की गई, जबकि राज्य सरकार व केन्द्र सरकार के हिस्से की प्रीमियम राशि 98.60 करोड़ रुपए है। यानी कुल प्रीमियम राशि 126.15 करोड़ रुपए है, लेकिन दुर्भाग्य से किसान हितैषी का दावा करने वाली सरकार ने 11 महीने बाद भी अपने हिस्से की प्रीमियम राशि जमा नहीं करवाई है, जिसके चलते किसानों को अब तक बीमा क्लेम नहीं मिला है, जबकि किसान वापस खरीफ की बुआई कर रहे हैं।
इनकी भी नहीं होती पालना

फसल बीमा की अधिसूचना के अनुसार बीमा कम्पनी जिले के कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक व सहायक निदेशक को बीमित फसल के लाभार्थी किसानों की सूची मय बीमा क्लेम अनिवार्य रूप से उपलब्ध करवाएगी, नहीं करवाया जाता। इसी प्रकार कृषकों को बीमा क्लेम भुगतान उपरांत लाभान्वित किसानों की सूची क्लेम वितरण के 15 दिन के भीतर प्रत्येक ग्राम पंचायत पर चस्पा कर सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी से प्रमाणित कराई जाकर फोटो सुरक्षित रखने व उसका सत्यापन कृषि विभाग के अधिकारियों से करवाने का नियम है, लेकिन सूचियां ग्राम पंचायतों में चस्पा नहीं की जाती है।
सरकारी सब्सिडी नहीं मिलते ही देंगे क्लेम

खरीफ 2024 का बीमा क्लेम अंतिम प्रक्रिया में है। सरकार की ओर से जो प्रीमियम अनुदान जमा करवाया जाता है, वो अभी मिला नहीं है। अनुदान मिलते ही पात्र किसानों के बैंक खातों में बीमा क्लेम राशि जमा करवा देंगे।
– अक्षय तिवाड़ी, जिला कॉर्डिनेटर, एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी ऑफ इंडिया लिमिटेड

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