Nagaur: एक के बाद एक 4 घरों से उठी जवान बेटों की अर्थियां, फूट-फूटकर रोती रहीं माताएं, सांवरिया सेठ के दर्शन करने जा रहे थे दोस्त
4 Friends Died In Accident: हादसे के बाद गांव के चार घरों से चार अर्थियां एक साथ निकलीं तो हर किसी को इस दृश्य ने झकझोर दिया। सूरज, बजरंग, प्रेमचंद और कमलेश यादव की दर्दनाक मौत से पूरे दिन गांव में गमगीन माहौल रहा। घरों में चूल्हे नहीं जले।
Rajasthan Road Accident: राष्ट्रीय राजमार्ग-58 पर अजमेर जिले के मांगलियावास थाना क्षेत्र में लामाना पुलिया के पास बुधवार रात डेढ़ बजे हुए भीषण सड़क हादसे में चौसला कस्बे के 4 युवकों की मौके पर मौत की सूचना पाकर कस्बे में मातम पसर गया। गुरुवार को गांव में चार घरों से अर्थियां निकलने के दौरान जवान बेटों की मौत पर माताओं के करुण क्रंदन से ग्रामीणों की आंखें नम हो गई। हादसे में इनका एक साथी गंभीर घायल हुआ है, जिसका अजमेर में इलाज चल रहा है। पांचों युवक रात आठ बजे सांवलिया सेठ दर्शन के लिए चौसला से कार में रवाना हुए थे।
हादसे के बाद गांव के चार घरों से चार अर्थियां एक साथ निकलीं तो हर किसी को इस दृश्य ने झकझोर दिया। सूरज, बजरंग, प्रेमचंद और कमलेश यादव की दर्दनाक मौत से पूरे दिन गांव में गमगीन माहौल रहा। घरों में चूल्हे नहीं जले।
सारे दोस्त हुए थे इकट्ठे
चौसला निवासी अशोक शर्मा ने बताया कि प्रेमचन्द बेंगलूरु में काम करता है जबकि सूरजमल दिल्ली और कमलेश कुमार यादव जयपुर में काम करते हैं। तीनों दोस्त छुट्टियों में पैतृक गांव आए हुए थे। तीनों चौसला में रहने वाले बजरंगलाल व विमलेश के साथ चित्तौडगड़ में सांवरिया सेठ मंदिर दर्शन करने निकले थे।
चारों परिवार के कमाऊ सदस्य
ग्रामीणों ने बताया कि आज तक गांव में इस तरह की घटना नहीं सुनी थी। चार घरों के कमाऊ सदस्यों की मौत से पीड़ित परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। घर के आंगन में चीख-पुकार मच गई । माता-पिता के अलावा घर के सदस्य से लेकर पड़ोसी एक-दूसरे को संभालते रहे। मोहल्ले के लोग परिवार वालों को ढांढस बंधाने पहुंचे। जवान बेटों की मौत से उनकी माताओं का रो रोकर बुरा हाल है,… बेटा उठो, तुहारी मां तुम्हें बुला रही है, बात क्यों नहीं सुन रहे हो। क्या नाराज हो। बेटा मुझे बताओ। हम नाराजगी दूर कर देंगे। ये वाक्य सुनकर गांव के हर व्यक्ति की आंखें नम हो गई।
अधूरी रह गई सांवलिया सेठ के दर्शन की आस
राजस्थान के चर्चित मंदिरों में शामिल सांवलिया सेठ के दर्शन करने के लिए पांचों दोस्त बुधवार शाम को गांव से रवाना हुए थे, लेकिन काल ने उनका रास्ता रोक लिया और सांवलिया सेठ के दर्शन से पहले चार की मौत आ गई।
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