जिले में पांच साल में उर्वरकों के नमूनों की जांच रिपोर्ट वर्ष – नमूने लिए – सही पाए गए – फेल हुए 2019-20 – 100 – 91 – 9 2020-21 – 54 – 49 – 5
2022-23 – 111 – 107 – 4 2023-24 – 188 – 177 – 11 2024-25 – 129 – 120 – 9 किसानों को करते हैं जागरूक कृषि विभाग के सहायक निदेशक शंकरराम सियाक ने बताया कि रबी व खरीफ बुवाई से पूर्व किसानों को नकली खाद-बीज से बचने के लिए जागरूक करते हैं। किसानों को नकली उर्वरकों की पहचान के तरीके बताए जाते हैं, ताकि वे घर पर ही इसकी जांच कर लें। इसके साथ गांवों में निरीक्षण करने के दौरान, बैठकों व प्रशिक्षण आदि में भी किसानों को इसकी जानकारी दी जाती है तथा असली-नकली की पहचान के तरीके लिखे पत्रक भी वितरित किए जाते हैं। इसके साथ किसानों को खाद व बीज खरीदते समय पक्का बिल लेने, उर्वरकों व बीज की खरीद लाइसेंसधारी आदान विक्रेता से ही करने की सलाह दी जाती है। इसके साथ गांवों में घूमने वालों से खाद-बीज नहीं खरीदने तथा उनकी सूचना विभागीय अधिकारियों को देने के लिए कहा जाता है। सहायक निदेशक सियाक ने बताया कि उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार समय-समय पर आदान विक्रेताओं के यहां से नमूने लेकर उनकी जांच के लिए सरकारी प्रयोगशालाओं में भेजे जाते हैं और जिनके नमूने अमानक पाए जाते हैं, उनके खिलाफ न्यायालय में इस्तगासे दायर किए जाते हैं।
नियमित कर रहे जांच उर्वरक एवं बीज की गुणवत्ता पर संदेह होने पर तथा औचक निरीक्षण कर आदान विक्रेता के यहां से नमूने लिए जाते हैं। नमूना आहरण की सम्पूर्ण प्रक्रिया ‘राज एग्री क्यूसी ऐप’ के माध्यम से ऑनलाइन पूर्ण की जाती है। इसके साथ खरीफ व रबी की बुवाई से पूर्व जिले के आदान विक्रेताओं के यहां से उर्वरकों व बीजों के नमूने लेकर जांच के लिए राजकीय परीक्षण प्रयोगशाला में भिजवाया जाता है। अमानक पाए जाने पर संबंधित आदान विक्रेता, उत्पादनकर्ता व विपणनकर्ता के खिलाफ न्यायालय में विधि सम्मत इस्तगासा दायर किया जाता है।
– हरीश मेहरा, संयुक्त निदेशक, कृषि विभाग, नागौर