कर्नाटक हाईकोर्ट ने उठाए 9 महत्वपूर्ण सवाल
बेंगलुरु के क्रिकेट स्टेडियम के बाहर हुई इस भगदड़ की घटना पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए रिट याचिका दायर की। न्यायालय की खंडपीठ में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी. कामेश्वर राव और न्यायमूर्ति सी. एम. जोशी ने राज्य सरकार से निम्नलिखित महत्वपूर्ण सवाल किए: -विजयी जश्न आयोजित करने का फैसला किसने, कब और कैसे लिया गया? -क्या इस समारोह के लिए कोई आधिकारिक अनुमति ली गई थी? -50,000 या उससे अधिक भीड़ को संभालने के लिए कोई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) बनाई गई थी या नहीं?
-ट्रैफिक नियंत्रण और भीड़ प्रबंधन के लिए क्या विशेष उपाय किए गए थे? -आम जनता और भीड़ को संभालने के लिए सुरक्षा एवं चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था की गई थी या नहीं? -कार्यक्रम स्थल पर चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध थी या नहीं?
-समारोह के दौरान संभावित भीड़ की संख्या का क्या पहले से अनुमान लगाया गया था? -घायल लोगों को मौके पर तत्काल प्राथमिक उपचार मिला या नहीं? यदि नहीं, तो कारण क्या था? -घायलों को अस्पताल पहुंचाने में कितना समय लगा?
-राज्य सरकार ने पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया सुओ मोटु याचिका के बाद और हाईकोर्ट के सवालों के जवाब में, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने 6 जून को कानूनी सलाहकारों के सुझाव पर बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर समेत पांच पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। पुलिस की कार्रवाई और जिम्मेदारियों को लेकर जांच जारी है।
RCB सम्मान समारोह के लिए अनुमति का मामला
विश्लेषण में सामने आया है कि कर्नाटक राज्य क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) ने 3 जून को मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से RCB के सम्मान समारोह के लिए अनुमति मांगी थी। KSCA के सीईओ शुभेंदु घोष ने सरकार के विभाग कर्मचारी और प्रशासन (DPAR) को इवेंट मैनेजमेंट कंपनी डीएनए नेटवर्क की तरफ से अनुमति पत्र भेजा था। यह समारोह 4 जून को विधान सौधा में आयोजित किया जाना था।