कहां पहुंचा मॉनसून?
मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के 13 मई तक दक्षिण अंडमान सागर, दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों और निकोबार द्वीपों तक आगे बढ़ने की संभावना है। इसके बाद अगले 4-5 दिनों में मॉनसून के दक्षिण अरब सागर, मालदीव, कोमोरिन क्षेत्र के कुछ हिस्सों; बंगाल की खाड़ी के कुछ भागों, पूरे अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह और अंडमान सागर; साथ ही बंगाल की खाड़ी के मध्य के कुछ भागों में और आगे बढ़ने की संभावना है। मुंबई में कब होगी एंट्री?
मुंबई में आमतौर पर मॉनसून 10 जून के बाद पहुंचता है, लेकिन इस बार मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि 8 से 11 जून के बीच ही शहर में मॉनसूनी बारिश की शुरुआत हो सकती है। बता दें कि 2024 में 9 जून को और 2020 में 14 जून को मॉनसून ने मुंबई में दस्तक दी थी। हालांकि इस बार मौसम विशेषज्ञों ने मुंबई में मॉनसून के जल्दी पहुंचने की संभावना जताई है।
मौसम विभाग का कहना है कि इस साल देश में अच्छी बारिश होगी क्योंकि मॉनसून पर अल नीनो (AL Nino Effect On Indian Monsoon) का कोई खतरा नहीं है। मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में मॉनसून सक्रिय रहने के संकेत मिल रहे हैं। कहीं सामान्य बारिश, तो कहीं सामान्य से अधिक बारिश की उम्मीद है। कई इलाकों में मूसलाधार बारिश भी होगी।
मौसम विभाग के मुताबिक, मॉनसून आमतौर पर 1 जून को केरल के तट पर दस्तक देता है और इसके बाद सात से आठ दिनों में महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों में मॉनसून की एंट्री होती है। हालांकि मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में मॉनसून का जल्दी आगमन जरूरी नहीं कि महाराष्ट्र और देश के अन्य हिस्सों में भी मॉनसून जल्दी पहुंचेगा। मॉनसून को आगे बढ़ने के लिए बंगाल की खाड़ी और अरब सागर की जटिल परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है।