सीएम फडणवीस ने कहा, “राज्य के इतिहास में पहली बार बिजली दरों में इतनी बड़ी कटौती हो रही है। इसके लिए हम महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग (MERC) के आभारी हैं, जिन्होंने महावितरण की याचिका पर यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया।”
राज्य के इतिहास में पहली बार महावितरण ने बिजली की दरें कम करने के लिए सिफारिश की थी। उन्होंने यह भी बताया कि अब तक हर साल बिजली दरें बढ़ाने के लिए याचिकाएं दाखिल होती थीं, लेकिन इस बार महावितरण ने खुद दरें घटाने की पहल की। इस फैसले का लाभ घरेलू, औद्योगिक और व्यावसायिक सभी प्रकार के उपभोक्ताओं को मिलेगा। खास बात यह है कि राज्य में 100 यूनिट से कम बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या 70 प्रतिशत है। उनके लिए अधिकतम दर में 10 प्रतिशत की कटौती होगी।
फडणवीस ने आगे कहा, “हमारे किसानों के लिए मुख्यमंत्री सौर कृषी वाहिनी योजना 2.0 तेजी से लागू की जा रही है, जिससे उन्हें दिन में और भरोसेमंद बिजली मिल सकेगी। साथ ही, आने वाले समय में ग्रीन एनर्जी (हरित ऊर्जा) पर फोकस बढ़ाने से बिजली खरीद खर्च में भी बचत होगी, जिससे यह कटौती संभव हो पाई है।”
यह फैसला न केवल आम लोगों को राहत देगा, बल्कि अन्य राज्यों की तुलना में महाराष्ट्र में बिजली दर में संतुलन भी पैदा करेगा। महंगाई के दौर में यह कदम लाखों उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देने वाला साबित होगा।