महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने पहली बार लाभार्थियों की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की है, जिसमें चौंकाने वाली जानकारी सामने आई हैं। विभाग के अनुसार 26.34 लाख महिलाओं का लाभ जून 2025 से अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। आवेदनों की जांच के दौरान पता चला कि 26.34 लाख महिलाएं लाडली बहना योजना के लिए पात्र नहीं थीं या फिर इन्होंने नियमों का उल्लंघन किया।
किस तरह का फर्जीवाड़ा हुआ?
आवेदनों की जांच में स्पष्ट हुआ कि कई लाभार्थी महिलाएं एक से अधिक सरकारी योजनाओं का लाभ ले रही थीं। कुछ मामलों में एक ही परिवार में दो से अधिक महिलाएं लाभार्थी थीं। हैरानी की बात यह है कि कुछ पुरुषों ने भी फर्जी दस्तावेजों के जरिये इस योजना के लिए आवेदन किया था और उन्हें अब तक लाभ मिल रहा था।
2.25 करोड़ महिलाओं को मिली जून की 12वीं किस्त
महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि योजना के अंतर्गत पात्र पाए गए सभी आवेदनों की पुष्टि करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग ने शासन के सभी विभागों से जानकारी मांगी थी। इसके अनुसार, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने यह जानकारी दी है कि लगभग 26.34 लाख लाभार्थी अपात्र होने के बावजूद लाडकी बहन योजना का लाभ ले रहे थे। इसलिए जून से ही 26.34 लाख लाडली बहनों का लाभ रोक दिया गया है। तटकरे के मुताबिक, लाभ स्थगित किए गए सभी 26.34 लाख मामलों की जिलेवार जांच की जा रही है और जो लाभार्थी सही पाए जाएंगे, उन्हें फिर से योजना में शामिल किया जाएगा।
जुलाई की किस्त को लेकर क्या है अपडेट?
बीजेपी नीत महायुति सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि पात्र पाई गईं करीब 2.25 करोड़ महिलाओं को जून 2025 का 1500 रुपये सम्मान निधि वितरित कर दिया गया है। हालांकि पात्र लाभार्थियों के बैंक खाते में जुलाई माह की 1500 रुपये की 13वीं किस्त कब जमा की जाएगी, इसको लेकर मंत्री ने जानकारी नहीं दी है। लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक, जुलाई की राशि अगस्त के पहले सप्ताह तक लाभार्थी महिलाओं को भेजी जाएगी। जुलाई के पहले हफ्ते में योजना की जून माह की 12वीं किस्त लाभार्थी महिलाओं के खातों में जमा की गई थी। फर्जी लाभार्थियों के खिलाफ एक्शन की तैयारी मंत्री तटकरे ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे व अजित पवार के साथ चर्चा कर फर्जी लाभ लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई पर फैसला लिया जाएगा। इसलिए अब देखना होगा कि सरकार फर्जीवाड़ा कर योजना का लाभ लेने वालों से कैसे निपटती है।