ईडी ने बताया कि यह कार्रवाई म्हात्रे और सैय्यद मोहम्मद अब्दुल हामिद कादरी के खिलाफ पनवेल में दर्ज मामले के तहत की गई है। अधिकारियों ने बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला अलीबाग डिवीजन के उरण के वन विभाग द्वारा पनवेल पुलिस स्टेशन में वन भूमि हड़पने के संबंध में दर्ज की गई शिकायत पर आधारित है। जिसके बाद सितंबर 2024 में पनवेल पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी।
क्या है मामला?
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि वन विभाग की भूमि का अवैध रूप से अधिग्रहण किया गया और फिर उसे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को गैरकानूनी तरीके से हस्तांतरित कर मुआवजे की बड़ी राशि का दावा किया गया। तब म्हात्रे ने कथित तौर पर 4 हेक्टेयर में से 1.86 हेक्टेयर भूमि एनएचएआई को दी और बदले में मुआवजे के रूप में 42.4 करोड़ रुपये प्राप्त किए और कादरी ने 0.4225 हेक्टेयर भूमि देकर एनएचएआई से 9.69 करोड़ रुपये का मुआवजा लिया। बताया जा रहा है कि म्हात्रे दशकों से पीजेंट एंड वर्कर्स पार्टी के नेता रहे हैं और हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए थे। वह पनवेल नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं और जेएम म्हात्रे इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशक हैं।
ईडी के मुताबिक तलाशी के दौरान मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं, जो इस घोटाले में आरोपियों की संलिप्तता के संकेत देते हैं। हालांकि, ईडी ने यह स्पष्ट नहीं किया कि जब्त की गई रकम किसकी है। केंद्रीय एजेंसी की जांच जारी है और जल्द ही इस मामले में और बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।