दुर्रानी की कांग्रेस में एंट्री ऐसे समय पर होने वाली है जब कांग्रेस से कई पुराने नेता और पदाधिकारी सत्तारूढ़ दलों में जा रहे हैं। ऐसे में दुर्रानी जैसे प्रभावशाली नेता का पार्टी में आना खासकर परभणी में कांग्रेस के लिए बड़ी राहत है।
शरद पवार को झटका
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस-एनसीपी शरद गुट और शिवसेना उद्धव गुट की महाविकास आघाड़ी (MVA) गठबंधन को बड़ी सफलता मिली थी, जबकि बीजेपी-शिवसेना शिंदे गुट और एनसीपी अजित गुट के महायुति गठबंधन को तगड़ा झटका लगा था। लेकिन विधानसभा चुनाव में महायुति ने वापसी करते हुए महाविकास आघाड़ी को नुकसान पहुंचाया था। इस बीच कई बड़े नेता एक-दूसरे के पाले में आते-जाते रहे। अब परभणी से शरद पवार गुट को झटका देते हुए कांग्रेस ने बड़ी सेंधमारी की है। बाबाजानी दुर्रानी को लेकर पहले यह चर्चा थी कि वे अजित पवार गुट में शामिल हो सकते हैं, लेकिन उन्होंने कांग्रेस का रुख करके सबको चौंका दिया है। परभणी के कद्दावर नेता दुर्रानी ने 2004 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी, उसके बाद 2012 और 2018 में शरद पवार ने उन्हें विधान परिषद भेजा। एनसीपी में फूट के बाद वह अजित पवार खेमे में गए, लेकिन फिर शरद पवार के साथ लौट आये और अब वह कांग्रेस में शामिल होने जा रहे है।
परभणी में कांग्रेस की पकड़ कमजोर मानी जाती है, ऐसे में बाबाजानी दुर्रानी जैसे अनुभवी नेता के शामिल होने से पार्टी को नई ऊर्जा और मजबूती मिल सकती है। स्थानीय राजनीति में उनकी गहरी पकड़ को देखते हुए यह कांग्रेस के लिए निकाय चुनाव में रणनीतिक रूप से फायदेमंद साबित हो सकता है, जबकि शरद पवार गुट के लिए यह एक और बड़ा झटका माना जा रहा है।