बीएमसी में अब 227 पार्षद
जारी अधिसूचना के अनुसार, बीएमसी में पार्षदों की संख्या 227 तय की गई है। यानी अब मुंबई के हर वार्ड से केवल एक ही पार्षद चुना जाएगा। दूसरी ओर, अन्य नगर निगमों में एक वार्ड से तीन से पाँच तक पार्षद चुने जा सकते हैं, लेकिन अधिकांश स्थानों पर यह संख्या चार होगी।
जनसंख्या के अनुसार होगा सीमांकन
सीमांकन 2011 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर किया जाएगा। प्रत्येक वार्ड की औसत जनसंख्या का निर्धारण पार्षदों की संख्या के अनुसार किया जाएगा। बीएमसी आयुक्त को मुंबई के लिए सीमांकन मसौदा तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मसौदे को अंतिम रूप देने से पहले उसे सार्वजनिक किया जाएगा और जनता से आपत्तियां व सुझाव मांगे जाएंगे। इन पर विचार के बाद मसौदे को अंतिम रूप देकर राज्य चुनाव आयोग को भेजा जाएगा और अनुमोदन के बाद इसे प्रकाशित किया जाएगा।
राजनीतिक रूप से अहम होंगे ये चुनाव
आगामी नगर निगम चुनाव बेहद अहम माने जा रहे हैं, क्योंकि ये चुनाव हाल के वर्षों में महाराष्ट्र की राजनीति में आए बड़े बदलावों के बाद हो रहे हैं। इस बार मुख्य मुकाबला बीजेपी, शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार गुट की एनसीपी वाली महायुति गठबंधन और उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी, शरद पवार की एनसीपी एसपी और कांग्रेस के महाविकास आघाड़ी (MVA) गठबंधन के बीच होगा। राजनीतिक विश्लेषकों की नजर खासकर बीएमसी चुनावों पर टिकी हुई है, जो राज्य की सबसे बड़ी और देश की सबसे अमीर नगर निकाय मानी जाती है। जहां शिवसेना के दोनों गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई होगी।
बता दें कि महाराष्ट्र में सभी 29 नगर निगमों, 248 नगर परिषदों, 42 नगर पंचायतों, 32 जिला परिषदों और 336 पंचायत समितियों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है और ये वर्तमान में प्रशासकों के अधीन हैं। 27 नगर निगमों का कार्यकाल 2020-2023 के बीच समाप्त हो गया। जबकि इचलकरंजी और जालना नव निर्मित नगर निगम हैं।
राज्य के स्थानीय चुनाव कराने में कई कारणों से देरी हुई, जिनमें ओबीसी आरक्षण, वार्ड गठन, स्थानीय निकायों में सदस्यों की संख्या, सरकार द्वारा वार्ड गठन की शक्ति लेने से संबंधित याचिकाएं शामिल हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 6 मई को महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग को चार सप्ताह में चुनाव की अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया। जिसके बाद से राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव के लिए प्रक्रियाओं को औपचारिक रूप से शुरू कर दिया गया है और इस साल के अंत तक स्थानीय निकाय चुनाव हो सकते है।