विलय के बाद एनडीपीपी के विधायकों की संख्या 25 से बढ़कर 32 हो गई है। विधानसभा अध्यक्ष शारिंगैन लोंगकुमेर द्वारा जारी आदेश के अनुसार, सातों विधायकों ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर एनडीपीपी में शामिल होने का लिखित निर्णय सौंपा। उन्होंने बताया कि यह कदम संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत कानूनी रूप से वैध है।
इसके साथ ही विधानसभा सचिवालय को निर्देश दिया गया है कि वह विधायकों की पार्टी संबद्धता से जुड़े रिकॉर्ड को अपडेट करे।
राज्य सरकार में मंत्री और प्रवक्ता के. जी. केन्ये ने प्रेस वार्ता में कहा, सात एनसीपी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को विलय पत्र सौंपा, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। इससे एनडीपीपी की ताकत अब 32 हो गई है। यह मुख्यमंत्री और सरकार के कामकाज को और मजबूती देगा।
बता दें कि 2023 के विधानसभा चुनावों में एनसीपी ने 12 सीटें जीतकर राज्य में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सबको चौंकाया था। एनसीपी में बगावत के बाद नागालैंड इकाई ने अजित पवार गुट का समर्थन किया। अब सात विधायकों का एनडीपीपी में शामिल होना राज्य की सियासी तस्वीर को पूरी तरह बदल रहा है।
वर्तमान में नगालैंड विधानसभा में एनडीपीपी के 32 और उसकी सहयोगी बीजेपी के 12 विधायक हैं। इनके अलावा एनपीपी के 5, लोजपा (रामविलास) के दो, नगा पीपुल्स फ्रंट के दो और आरपीआई (आठवले) के दो, जबकि जेडीयू के एक और 4 निर्दलीय सदस्य मौजूद हैं।