आज बारिश का असर सबसे ज्यादा बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, गोरखपुर, बस्ती और संत कबीर नगर जिलों में देखने को मिल सकता है।
हल्की बारिश की चेतावनी इन जिलों में भी
इसके अलावा प्रदेश के अन्य जिलों में भी रुक-रुक कर हल्की बारिश हो सकती है। जिन जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना जताई गई है, उनमें शामिल हैं- मऊ, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, आजमगढ़, अंबेडकर नगर, अयोध्या, बाराबंकी, सीतापुर, हरदोई, फर्रुखाबाद, कन्नौज, शाहजहांपुर, बदायूं, कासगंज, एटा, मैनपुरी, फिरोजाबाद, हाथरस, अलीगढ़, नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, मथुरा, आगरा, इटावा, औरैया, कानपुर, उन्नाव, लखनऊ, फतेहपुर, रायबरेली, अमेठी, कौशांबी, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, जौनपुर, मीरजापुर, संत रविदास नगर और सोनभद्र।
अब तक का मानसून रिपोर्ट कार्ड
मौसम विभाग के मुताबिक, जून से जुलाई तक प्रदेश में मिली-जुली बारिश देखने को मिली। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 318.29 मिमी के मुकाबले 385.6 मिमी बारिश दर्ज की गई, यानी 21% अधिक। वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश में 385.02 मिमी के मुकाबले केवल 304.6 मिमी बारिश हुई, यानी 21% कम। पूरे यूपी की औसत बारिश 356.6 मिमी रही, जो सामान्य औसत से 6% कम है, लेकिन इसे मौसम विभाग ने “सामान्य” की श्रेणी में रखा है। ललितपुर जिला सबसे आगे रहा, जहां 852.8 मिमी वर्षा हुई यह सामान्य से 125% अधिक है। वहीं राजधानी लखनऊ में सामान्य 317.3 मिमी के मुकाबले केवल 234.9 मिमी बारिश दर्ज की गई, यानी 26% कम।
अगस्त-सितंबर में कैसा रहेगा मॉनसून का दूसरा चरण?
IMD ने अगस्त-सितंबर के पूर्वानुमान में राहतभरी खबर दी है। प्रशांत महासागर में “तटस्थ एल-निनो” और हिंद महासागर में “तटस्थ IOD” की स्थिति बनी हुई है, जो मानसून के लिए अनुकूल मानी जाती है। अगस्त-सितंबर के दौरान, यूपी के पूर्वी सिरे (बिहार से सटे इलाके) में सामान्य बारिश होगी, जबकि बाकी प्रदेश में सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना है।
तापमान का अनुमान
अगस्त में तापमान को लेकर भी अहम पूर्वानुमान सामने आया है। पश्चिमी और दक्षिणी उत्तर प्रदेश में तापमान सामान्य से कम रहने की उम्मीद है। जबकि पूर्वी यूपी में तापमान सामान्य या थोड़ा अधिक रह सकता है।
किसानों के लिए राहतभरी खबर
यह पूर्वानुमान खासकर किसानों और ग्रामीण इलाकों के लिए बड़ी राहत है। क्योंकि अगस्त-सितंबर में सामान्य या अधिक बारिश होने से फसलों को फायदा मिलेगा और जलस्तर भी सुधरेगा।
IMD की अपील
मौसम विभाग ने जनता से अपील की है कि वज्रपात और तेज बारिश के समय खुले मैदानों, पेड़ों के नीचे या जलभराव वाले इलाकों से बचें। साथ ही, बिजली चमकते समय मोबाइल या धातु की वस्तुओं का उपयोग न करें।