पूर्वांचल और तराई की ओर शिफ्ट हुई ट्रफ लाइन
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने जानकारी दी कि मानसूनी ट्रफ लाइन प्रदेश के तराई इलाकों की ओर खिसक गई है। इसके प्रभाव से शनिवार से अगले दो दिनों तक तराई और पूर्वांचल में तेज बारिश की संभावना है। जिन क्षेत्रों में भारी वर्षा का अनुमान है, वहां बाढ़ जैसी स्थिति या स्थानीय जलभराव की स्थिति भी बन सकती है।
शुक्रवार को कई जिलों में झमाझम बारिश
शुक्रवार को भी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अच्छी बारिश दर्ज की गई। हाथरस में सर्वाधिक 112 मिमी बारिश हुई। इटावा में 90 मिमी, बागपत में 71 मिमी, बिजनौर में 65 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। बारिश के चलते कई स्थानों पर जनजीवन प्रभावित रहा। कुछ इलाकों में निचले स्थानों पर जलभराव की शिकायतें भी सामने आईं।
इन 24 जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट
सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थ नगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बाराबंकी, अयोध्या, बिजनौर, अंबेडकर नगर और पीलीभीत। इन क्षेत्रों में लगातार बारिश के कारण सावधानी बरतने और जरूरी सुरक्षा उपाय अपनाने की सलाह दी गई है।
51 जिलों में वज्रपात की चेतावनी
मौसम विभाग ने आकाशीय बिजली गिरने की भी आशंका जताई है। इन 51 जिलों में गरज-चमक के साथ बिजली गिरने की स्थिति बन सकती है। इनमें शामिल हैं: चित्रकूट, कौशांबी, प्रयागराज, प्रतापगढ़, वाराणसी, भदोही, जौनपुर, हरदोई, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, शाहजहांपुर, संभल, बदायूं आदि जिले।
लखनऊ समेत कई शहरों में अगले तीन दिन बारिश के आसार
मौसम विभाग के मुताबिक शनिवार देर शाम से लेकर अगले दो दिन तक रुक-रुक कर बूंदाबांदी और कभी-कभी तेज बारिश हो सकती है। इससे दिन के तापमान में 2-3 डिग्री की गिरावट आ सकती है, जिससे मौसम सुहावना बना रहेगा। शुक्रवार को लखनऊ का अधिकतम तापमान 32.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से 1 डिग्री कम रहा। वहीं रात का तापमान 26.4 डिग्री सेल्सियस रहा।
अगस्त में हो सकती है सामान्य से बेहतर बारिश
मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि जून और जुलाई में कम बारिश के बाद अगस्त के पहले सप्ताह में अच्छी वर्षा हो सकती है। इससे खेती-किसानी और जलस्तर में सुधार की उम्मीद जगी है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार फसलों की सिंचाई और बुवाई की रणनीति तय करें।
जनता को क्या बरतनी चाहिए सावधानी?
घर से बाहर निकलते समय छाता या रेनकोट लेकर चलें। वज्रपात की चेतावनी वाले इलाकों में बिजली उपकरणों का सीमित उपयोग करें। खेतों में काम करते समय आसमान में तेज गरज या बिजली की चमक नजर आए तो तत्काल सुरक्षित स्थान पर जाएं। निचले इलाकों में रहने वाले लोग स्थानीय प्रशासन की चेतावनियों पर ध्यान दें।