बहू ने निभाया कर्तव्य, सास को बैठाया कांवड़ पर
इस बार की कांवड़ यात्रा में एक भावुक और प्रेरणादायक दृश्य देखने को मिला, जब एक बहू अपनी वृद्ध सास को कांवड़ पर बैठाकर पैदल बृजघाट से जल लेकर मुरादाबाद पहुंची। बहू ने कहा- “मेरी सारी मन्नतें पूरी हो गईं, आज माँ को बाबा के दरबार तक लाना मेरा सौभाग्य है।”
यह दृश्य न केवल लोगों की आंखें नम कर गया, बल्कि रिश्तों की एक नई मिसाल भी पेश की।
50 किलोमीटर तक सिर्फ कांवड़िए ही कांवड़िए
ब्रजघाट से मुरादाबाद तक करीब 50 किलोमीटर लंबे हाईवे को प्रशासन ने कांवड़ियों के लिए जीरो ट्रैफिक जोन घोषित कर दिया है। रामपुर, बरेली और अन्य जिलों से आने वाले कांवड़िए मुरादाबाद होकर आगे बढ़ रहे हैं। पूरे रास्ते में भंडारे, स्वास्थ्य शिविर और विश्राम स्थलों की व्यवस्था की गई है।
ड्रोन से निगरानी, SSP खुद उतरे फील्ड में
कांवड़ यात्रा की संवेदनशीलता को देखते हुए सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। SSP सतपाल अंतिल खुद रातभर राउंड पर रहे और स्थिति की मॉनिटरिंग करते रहे। पुलिस की मोबाइल टीमें लगातार कांवड़ रूट पर गश्त कर रही हैं। इसके अलावा, ड्रोन कैमरों के जरिए हाईवे और मुख्य मार्गों की निगरानी की जा रही है ताकि किसी भी आपात स्थिति से समय रहते निपटा जा सके।
हरिद्वार रोड और दिल्ली रोड पर भंडारों की बहार
मुरादाबाद के दोनों मुख्य मार्ग दिल्ली रोड और हरिद्वार रोड पर जगह-जगह भंडारे लगे हुए हैं। इन भंडारों में शिवभक्तों के लिए भोजन, जलपान और विश्राम की सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। स्थानीय लोगों और स्वयंसेवी संगठनों ने मिलकर इस आयोजन को भक्तिमय बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।