बीते 24 घंटे में इन जिलों में हुई जोरदार बारिश
रविवार को बुंदेलखंड क्षेत्र का ललितपुर जिला सर्वाधिक 163 मिमी बारिश के साथ सबसे आगे रहा। इसके अलावा बाराबंकी में 140 मिमी, कानपुर में 117.2 मिमी, बांदा में 110 मिमी, औरैया में 103 मिमी और प्रतापगढ़ में 94 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। इसके अलावा वाराणसी, सहारनपुर, बरेली, पीलीभीत जैसे अन्य इलाकों में भी अच्छी बारिश दर्ज की गई। यह बारिश जहां एक ओर किसानों के लिए लाभकारी साबित हुई है, वहीं दूसरी ओर जलभराव और ट्रैफिक जाम की स्थिति ने कई शहरों में लोगों की मुश्किलें भी बढ़ा दीं।
60 जिलों में गरज-चमक के साथ वज्रपात की चेतावनी
मौसम विभाग ने राज्य के 60 से अधिक जिलों में गरज-चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरने की संभावना जताई है। इस दौरान लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है, खासकर खुले स्थानों, खेतों और ऊंचे पेड़ों के नीचे जाने से बचने के लिए कहा गया है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि वज्रपात के दौरान सावधानी न बरतने से जानमाल की हानि हो सकती है। जिन जिलों को वज्रपात की चेतावनी दी गई है उनमें शामिल हैं – बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, भदोही, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, हरदोई, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, कासगंज, एटा, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, शाहजहांपुर, संभल, बदायूं, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी और ललितपुर।
मौसम वैज्ञानिक की भविष्यवाणी
लखनऊ स्थित आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि आगामी दिनों में उत्तर प्रदेश के मौसम में और भी अधिक बदलाव आने वाला है। उनके अनुसार, “मंगलवार से तराई क्षेत्र में भारी बारिश शुरू होगी जो धीरे-धीरे दक्षिणी और विंध्य क्षेत्रों तक पहुंचेगी। इस दौरान अन्य क्षेत्रों में भी बादलों की आवाजाही बनी रहेगी और छिटपुट बारिश होती रहेगी।” उन्होंने विशेष रूप से वज्रपात को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी है।
सुरक्षा के लिए बरतें ये जरूरी सावधानियां
वज्रपात और गरज-चमक से बचने के लिए आम जनता को सतर्क रहना चाहिए। विशेषज्ञों की सलाह है कि बारिश के दौरान या वज्रपात की चेतावनी मिलने पर खुले मैदान, खेत, ऊंचे पेड़ या बिजली के खंभों के नीचे खड़े न हों। मोबाइल या अन्य धातु की वस्तुएं लेकर बाहर निकलने से बचें। वज्रपात के समय घर के अंदर रहना ही सबसे सुरक्षित विकल्प है।
किसानों और आम लोगों के लिए राहत भी, चिंता भी
हालांकि यह बारिश कृषि के लिहाज से बहुत लाभकारी साबित हो रही है, क्योंकि खेतों को भरपूर पानी मिल रहा है और खरीफ की फसल के लिए यह समय बेहद जरूरी है। लेकिन बिजली गिरने की घटनाएं और जलभराव जैसी समस्याएं आम जनजीवन को प्रभावित कर सकती हैं। इसके चलते स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने और बचाव दलों को तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं।