हरिहरन ने बताया कि उन्हें यह देखकर बेहद खुशी होती है कि लोग उनके गाए भजन से इतनी भक्ति के साथ जुड़ते हैं। गायक ने आगे कहा, “उत्तर भारत हो या दक्षिण, जहां भी मैं जाता हूं, लोग कहते हैं, ‘सर, हम डेली आपकी हनुमान चालीसा सुनते हैं।’
ये मेरे लिए बहुत बड़ा आशीर्वाद है। जब कोई इसे सुनता है, तो लगता है जैसे वो मुझे अपनी दुआओं में शामिल कर रहा हो। भारत में इससे बड़ी बात क्या हो सकती है।”
सिंगर की नई पहल
इस बीच संगीत परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए हरिहरन ने एक नई पहल शुरू की है, जिसका मकसद है भारतीय संगीत को नई पीढ़ी तक पहुंचाना और समृद्ध बनाना।उन्होंने हाल ही में ‘SUR म्यूजिक’ का उद्घाटन किया है। इसके लिए अपनी आवाज में उन्होंने गाना भी रिकॉर्ड किया है। वह इस नई पहल के जरिए उस्तादों की विरासत और भारतीय क्लासिकल म्यूजिक की खूबसूरती को दुनिया भर के दर्शकों के सामने लाने का इरादा रखते हैं। उनका कहना है कि इस पहल से लोकल टैलेंट को बढ़ावा मिलेगा। नए उभरते सितारें मिलेंगे। इसलिए उन्होंने सोहिनी डे का भी स्वागत किया है, जो एक युवा गायिका हैं।
ये है भारत का सबसे अधिक देखा जाने वाला वीडियो
हरिहरन न सिर्फ अपने सुरों के लिए जाने जाते हैं, बल्कि वे यूट्यूब पर भारत के सबसे ज्यादा देखे गए म्यूजिक वीडियो के लिए भी रिकॉर्ड बना चुके हैं। टी-सीरीज द्वारा यूट्यूब पर अपलोड की गई हनुमान चालीसा को अब तक 4.6 बिलियन यानि की 460 करोड़ से ज्यादा बार देखा गया है, जो इसे भारत का सबसे अधिक देखा जाने वाला वीडियो बनाता है। इस हनुमान चालीसा को हरिहरन ने गाया है।
गायक एक लेकिन किरदार अनेक
हरिहरन का जन्म 3 अप्रैल 1955 को मुंबई में हुआ था। उनके माता-पिता खुद भी संगीत से जुड़े थे, इसलिए बचपन से ही उन्हें संगीत भरा माहौल मिला। हरिहरन ने हिंदुस्तानी और कर्नाटक दोनों तरह के शास्त्रीय संगीत की ट्रेनिंग ली है, जो बहुत कम गायकों को मिलती है। हरिहरन ने अपना पहला गाना साल 1977 में मलयालम फिल्म ‘घट्टम’ के लिए गाया था। यहीं से उनके करियर की शुरुआत हुई।
उन्होंने हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़ और मराठी जैसी कई भाषाओं में गाने गाए हैं। खास बात यह है कि उनकी आवाज हर भाषा में उतनी ही खूबसूरत और दिल को छूने वाली लगती है।