घटना से भड़का मामला
यह मामला 17 अगस्त 2025 की रात का है। गोटका गांव निवासी सैनिक कपिल कुमार छुट्टियां खत्म कर अपनी ड्यूटी पर लौट रहे थे। रात लगभग आठ बजे वे भुनी टोल प्लाजा से गुजर रहे थे। कपिल ने टोलकर्मियों से कहा कि वह लोकल निवासी है और उसे टोल नहीं देना चाहिए। इतना सुनते ही टोल कर्मचारियों ने उन्हें रोक लिया और विवाद बढ़ गया।
जवान को खंभे से बांधकर पीटा
विवाद इतना बढ़ा कि टोलकर्मियों ने सेना के जवान को खंभे से बांधकर बेरहमी से पीटा। यह पूरा मामला वहां मौजूद लोगों ने वीडियो में कैद कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो सामने आने के बाद घटना ने तूल पकड़ लिया और स्थानीय लोगों ने टोल प्लाजा पर जमकर हंगामा किया। सेना ने भी इस घटना पर नाराजगी जताई और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
पुलिस और प्रशासन ने लिया एक्शन
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने और मामला गरमाने के बाद पुलिस और प्रशासन हरकत में आ गए। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया और हंगामा कर रहे ग्रामीणों को शांत कराया गया। साथ ही टोल कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की गई।
NHAI का कड़ा कदम
घटना के तुरंत बाद केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एनएचएआई मुख्यालय को उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए। जांच में टोल कंपनी की लापरवाही और कर्मचारियों की संलिप्तता साफ हो गई। नतीजतन, एनएचएआई ने टोल कंपनी ‘मेसर्स धरम सिंह एंड कंपनी’ पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
ठेका हुआ रद्द, भविष्य पर भी रोक
एनएचएआई ने न सिर्फ कंपनी पर जुर्माना लगाया बल्कि उसका कॉन्ट्रैक्ट भी तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया। इतना ही नहीं, भविष्य में इस कंपनी को किसी भी टोल निविदा में भाग लेने से रोकने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। एनएचएआई बागपत के परियोजना निदेशक निरंजन सिंह ने इसकी पुष्टि की है।
फिलहाल टोल फ्री रहेगा हाईवे
इस पूरे घटनाक्रम के बाद मेरठ-करनाल मार्ग पर गुजरने वाले सभी वाहनों के लिए टोल फ्री यात्रा की व्यवस्था लागू कर दी गई है। स्थानीय लोगों और यात्रियों ने राहत की सांस ली है। हालांकि यह स्थिति तब तक रहेगी, जब तक एनएचएआई किसी नई कंपनी को ठेका नहीं सौंप देता।