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मेरठ

चुनाव लड़ने की उम्र पर बहस: क्या 25 साल की सीमा अब पुरानी हो चुकी है? जयंत के बयान से गरमाई ‘सियासत’

राष्ट्रीय लोकदल नेता और राज्यसभा सांसद के बयान ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है। उनका सवाल सीधा और तार्किक है जब कोई व्यक्ति 18 साल की उम्र में वोट डाल सकता है, शादी कर सकता है, ड्राइविंग लाइसेंस ले सकता है और सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर सकता है, तो चुनाव क्यों नहीं लड़ सकता।

मेरठJun 22, 2025 / 11:09 am

ओम शर्मा

जयंत चौधरी ने चुनाव लड़ने की समय सीमा पर बात कही।

राष्ट्रीय लोकदल नेता और राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी के हालिया बयान ने भारतीय लोकतंत्र में युवाओं की भूमिका और प्रतिनिधित्व पर एक नई बहस को जन्म दे दिया है। जयंत ने संसद में एक प्राइवेट मेंबर बिल के जरिये चुनाव लड़ने की न्यूनतम आयु 25 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष करने की मांग की है। उनका सवाल सीधा और तार्किक है जब कोई व्यक्ति 18 साल की उम्र में वोट डाल सकता है, शादी कर सकता है, ड्राइविंग लाइसेंस ले सकता है और सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर सकता है, तो वह विधायक या सांसद क्यों नहीं बन सकता?

लोकतंत्र में युवाओं की भागीदारी या सिर्फ प्रतीकात्मक उपस्थिति?

जयंत चौधरी की बात केवल तर्क तक सीमित नहीं है, यह भारतीय लोकतंत्र की संरचना, संविधान और युवाओं की भागीदारी को लेकर बुनियादी सवाल खड़े करती है। आंकड़े बताते हैं कि भारत, जो दुनिया की सबसे युवा आबादी वाला देश माना जाता है, उसकी संसद सबसे बुजुर्गों में शुमार होती जा रही है।
देश में चुनाव लड़ने की उम्र पर बहस।

Association for Democratic Reforms (ADR) के अनुसार

2024 की 18वीं लोकसभा के 280 सांसद, यानी आधे से अधिक, 55 वर्ष से ऊपर की उम्र के हैं। वर्तमान लोकसभा में सबसे उम्रदराज सांसद हैं DMK के टी.आर. बालू, जो 82 वर्ष के हैं और तमिलनाडु के श्रीपेरुंबदूर से चुने गए हैं। उनके बाद समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद (79 वर्ष, फैजाबाद) और जीतन राम मांझी (78 वर्ष, गया) हैं।
सबसे कम उम्र के सांसद
प्रिय सरोज (25 वर्ष, मछलीशहर, सपा)
पुष्पेंद्र सरोज (25 वर्ष, कौशांबी, सपा)
शंभवी (25 वर्ष, समस्तीपुर, लोक जनशक्ति पार्टी–रामविलास)

देश में चुनाव लड़ने की उम्र पर बहस।

इतिहास में चुनावी उम्र को लेकर कब-कब उठी मांग?

1970 का दशक: इंदिरा गांधी के दौर में युवाओं की भागीदारी की बातें तो हुईं, लेकिन न्यूनतम उम्र नहीं बदली।
1989 में 61वां संविधान संशोधन: वोट डालने की उम्र 21 से घटाकर 18 कर दी गई, लेकिन प्रतिनिधित्व की उम्र जस की तस रही।
2010 और 2014: कुछ सांसदों ने प्राइवेट मेंबर बिल लाकर उम्र घटाने की मांग की, पर इन्हें कोई सफलता नहीं मिली।
जयंत चौधरी के बयान से साफ है कि वे केवल आयु सीमा हटाने की बात नहीं कर रहे, बल्कि राजनीति में गुणवत्ता, फिटनेस और युवा भागीदारी की नई कसौटियों की बात कर रहे हैं।
देश में चुनाव लड़ने की उम्र पर बहस।
भारत में चुनाव लड़ने की न्यूनतम उम्र क्या है?
भारतीय संविधान और जनप्रतिनिधित्व कानून (Representation of the People Act, 1951) के अनुसार:

  • लोकसभा/विधानसभा चुनाव: न्यूनतम आयु 25 वर्ष
  • राज्यसभा/विधान परिषद: न्यूनतम आयु 30 वर्ष
इसके विपरीत:
  • वोट डालने की उम्र: 18 वर्ष (61वां संविधान संशोधन, 1989)
  • ड्राइविंग लाइसेंस: 18 वर्ष
  • शादी की कानूनी उम्र (पुरुष): 21 वर्ष
  • सरकारी नौकरी की न्यूनतम उम्र: 18-21 वर्ष (पद अनुसार)
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यानी एक व्यक्ति जो समाज का हिस्सा बनने की लगभग हर जिम्मेदारी निभा सकता है, वही व्यक्ति तब तक जनता का प्रतिनिधि नहीं बन सकता जब तक वह 25 या 30 वर्ष का न हो जाए।
(Source- ADR Report)

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