ग्रामीण से कहासुनी के बाद छोड़ दिया था मंदिर
कुछ महीने बाद ग्रामीणों को शक हुआ और उन्होंने उससे आधार कार्ड दिखाने को कहा। इस पर वह 15 दिन के लिए गायब हो गया। लौटने के बाद फिर से पूजा शुरू कर दी। हाल ही में हस्तरेखा देखने को लेकर उसकी एक ग्रामीण से कहासुनी हो गई, जिसके बाद वह फिर से मंदिर छोड़कर चला गया।
शिवरात्रि पर दोबारा पहुंचा मंदिर
बीते बुधवार को शिवरात्रि और कांवड़ यात्रा के मौके पर मंदिर में भंडारा आयोजित किया गया था। उसी दौरान ‘कृष्ण’ फिर मंदिर में पहुंचा और कमरे से कुछ सामान निकालने लगा। ग्रामीणों को उस पर चोरी का संदेह हुआ। जब पूछताछ की गई, तो मामला और उलझ गया। कुछ लोगों ने उसकी धोती खोल दी, जिससे उसकी असल पहचान सामने आ गई। ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
मालवी हैं युवक के पिता
पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी को हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने अपना असली नाम कासिम पुत्र मोहम्मद अब्बास निवासी ग्राम कोली रायपुर, सीतामढ़ी (बिहार) बताया। उसके पिता स्थानीय मौलवी हैं। कासिम ने बताया कि वह छह भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर है। 20 साल पहले उत्तर प्रदेश आ गया था। दिल्ली के मंदिरों में रहते हुए उसने पूजा-पाठ और मंत्रोच्चारण सीखा था। उसने अपने हाथ पर ‘कृष्ण’ नाम भी गुदवा रखा है।
हिंदू धर्म अपनाने का दावा
कासिम का दावा है कि उसने स्वेच्छा से हिंदू धर्म अपना लिया है और पिछले कई सालों से संतों के साथ मंदिरों में रह रहा है। हालांकि, ग्रामीणों ने बताया कि वह हमेशा अपना नाम ‘कृष्ण’ बताकर पुलिस सत्यापन में भी यही नाम देता था। पुलिस की ओर से उस समय आधार कार्ड की जांच नहीं की गई थी, जिससे यह खुलासा पहले नहीं हो पाया।
बिहार का रहने वाला है आरोपी
पुलिस ने बताया कि आरोपी पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। बिहार पुलिस को सूचना भेज दी गई है और सत्यापन की प्रक्रिया जारी है। आरोपी के फिंगरप्रिंट लेकर आधार का सत्यापन भी कराया जाएगा। साथ ही खुफिया एजेंसियां भी उससे पूछताछ कर रही हैं। पूरे मामले की जांच के बाद ही तय होगा कि मामला केवल पहचान छुपाकर मंदिर में रहने का है या इसके पीछे कोई गहरी साजिश है।