पत्नी सरिता देवी ने बताया कि दरगाह निवासी उसके पति सुरेश प्रजापति (40) एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाते थे। मानसिक तनाव में सुरेश दो बार आत्महत्या की प्रयास कर चुके थे। परिजनों ने इलाज कराकर दोनों बार उनकी बचा ली थी। पहली बार सुरेश ने दोहरीघाट पुल से सरयू नदी में छलांग लगाने की कोशिश की थी। दूसरी बार विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया था। बताया कि शुक्रवार की सुबह करीब नौ बजे अपने कमरे में सुरेश ने छत की कुंडी के सहारे फंदा लगाकर जान दे दी।
उस समय पत्नी सरिता देवी रसोई में खाना बना रही थी। पड़ोस के लोग माैके पर पहुंचे सुरेश को फंदे से उतारकर सीपीआर देने की कोशिश की लेकिन उनकी मौत चुकी थी। इसके बाद मां चंपा देवी, बेटा शशांक (14) और बेटी सारिका (12) का रो रोकर बुरा हाल था। सुरेश का आजमगढ़ स्थित एक अस्पताल से इलाज चल रहा था। मधुबन थाना प्रभारी निरीक्षक संजय त्रिपाठी ने बताया कि शव को जिला मुख्यालय भेजवा दिया गया है।