तहसील बार मधुबन के अध्यक्ष अरुण कुमार त्रिपाठी का कहना था कि बीते शुक्रवार से अधिवक्ता कार्य वहिष्कार कर आंदोलन पर हैं। एसडीएम मधुबन की कार्यप्रणाली को लेकर अधिवक्ताओं में आक्रोश है। एसडीएम द्वारा न्यायिक कार्य की गरीमा का पालन नहीं किया जा रहा है। पत्रावालियों को अनियमित ढंग से विधिक प्रक्रियाओं को पालन न करते हुए पारित किया जा रहा है। हमारी मांग है कि एसडीएम मधुबन का यहाँ से स्थानांतरण किया जाये एवं अब तक जारी सभी पत्रावालियों को तलब कर उनकी न्यायिक समीक्षा की जाये।
एसडीएम बोले- अनावश्यक बनाया जा रहा दबाव
वहीं इस संबंध में सडीएम मधुबन अखिलेश सिंह यादव का कहना था कि अधिवक्ताओं द्वारा अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है। शासन के मंशा के अनूरुप सभी आपत्तियों का समय सीमा के अंदर निस्तारण हमारी पहली प्राथमिकता है। कार्य तेजी से हो रहा है। वर्तमान में लंबित पैमाइस के 43 आवेदन में से 36 का निस्तारण किया जा चूका है। वारासत के मामले भी तेजी से निस्तारित हो रहे हैं। अधिवक्ता संघ को वार्ता एवं सहयोग के लिए कई बार पत्र लिखा जा चुका है मगर अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है।
विरोध प्रदर्शन में शामिल अधिवक्ता
जलूस में मनोज कुमार सिंह, तारिक़ जमील, बजरंगबली पाण्डेय, मनोज कुमार, प्रदीप मिश्रा, योगेश कुमार चतुर्वेदी, अविनाश कुमार मल्ल, शिवानंद मौर्य, आनंद कुमार त्रिपाठी, सत्यप्रकाश सिंह, आसिफ खान, राजेश कुमार आदि अधिवक्ता शामिल रहे।