जानिए क्या है पूरा मामला
मामले में अभियोजन के अनुसार एसआई गंगाराम बिंद की तहरीर पर शहर कोतवाली में अपराध संख्या 97/ 22 धारा 506, 171च भादवि के तहत एफआईआर दर्ज हुई। इसमें सदर विधायक अब्बास अंसारी व अन्य को आरोपी बनाया गया। आरोप था कि 3 मार्च 22 को विधानसभा चुनाव के दौरान सदर विधानसभा सीट से सुभासपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे अब्बास अंसारी ने नगर क्षेत्र के पहाड़पुर मैदान में जनसभा के दौरान कहा कि जनपद मऊ के प्रशासन को चुनाव के बाद रोककर हिसाब किताब करने व इसके बाद सबक सिखाने की धमकी मंच से दी गई थी। पुलिस ने विवेचना के बाद धारा 506, 171 एफ,186,189,153 ए, 120 बी भादवि मे सदर विधायक अब्बास अंसारी व उनके भाई उमर अंसारी, इलेक्शन एजेंट गाजीपुर जनपद के पुरानी कचहरी यूसुपुर मुहम्मदाबाद निवासी मंसूर अंसारी के विरुद्ध आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया था। जिसमें अभियोजन की ओर से पैरवी करते हुए अभियोजन अधिकारी हरेंद्र सिंह ने कुल 6 गवाहों को पेशकर अभियोजन का पक्ष रखा था। सीजेएम ने दोनों पक्षो के तर्कों को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद आरोपी अब्बास अंसारी और मंसूर अंसारी को दोषी पाया। दोषी पाए जाने के बाद अब्बास अंसारी को दो वर्ष की सजा के साथ ही कुल 11 हजार रुपए अर्थदंड लगाया था। सजा के बाद सोमवार को अब्बास अंसारी की ओर से उनके अधिवक्ता दारोगा सिंह ने जिला जज की कोर्ट में अपील दाखिल की गई है।