श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 5.5 एकड़ जमीन पर हो रहा भौतिक सत्यापन
वृंदावन और मथुरा में बांकेबिहारी मंदिर की ओर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन ने कॉरिडोर निर्माण की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्णय लिया है। इसके तहत करीब 5.5 एकड़ जमीन का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। वहीं, दूसरी तरफ इस परियोजना से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।
रुक्मिणी विहार और सुनरख बांगर में बनाए जाएंगे फ्लैट्स
MVDA ने पहले चरण में रुक्मिणी विहार में चार प्लॉट और सुनरख बांगर में एक प्लॉट चिह्नित किए हैं। इन प्लॉट्स पर 1 बीएचके और 2 बीएचके के फ्लैट बनाए जाएंगे। रुक्मिणी विहार के विभिन्न प्लॉट्स के आकार 3924.91 स्क्वायर मीटर, 2844 स्क्वायर मीटर, 1800 स्क्वायर मीटर तथा 1504 स्क्वायर मीटर तक हैं। इसमें कुल 325 से 350 फ्लैट बनाए जाएंगे। सुनरख बांगर में भी एक प्लॉट पर इसी तरह के फ्लैट्स बनाने की योजना है।
ग्रुप हाउसिंग योजना के रूप में तैयार होंगे फ्लैट्स
इस योजना में फ्लैट्स को ग्रुप हाउसिंग के रूप में तैयार किया जाएगा, जिनमें सभी फ्लैट्स 1 बीएचके और 2 बीएचके होंगे। इन फ्लैट्स का नक्शा भी पहले ही तैयार कर लिया गया है। इन फ्लैट्स के निर्माण से प्रभावित परिवारों को न केवल नया घर मिलेगा, बल्कि उनकी जीवन-यात्रा भी सुगम होगी। कॉरिडोर से प्रभावित 275 भवन स्वामियों और 200 दुकानदार
इस कॉरिडोर परियोजना से 275 भवन मालिक प्रभावित हो रहे हैं, जिनमें 200 दुकानें भी शामिल हैं। इन प्रभावित दुकानदारों को कॉरिडोर क्षेत्र में ही नई दुकानें आवंटित की जाएंगी। इसके अलावा, इन परिवारों को उनकी जमीन और भवन के अनुसार मुआवजा भी मिलेगा। प्रभावित लोगों को एक ही क्षेत्र में बसने का विकल्प भी दिया जाएगा। इसके लिए MVDA ने आवासीय योजना का प्रारूप तैयार किया है, जिसके तहत प्रभावित परिवारों को रुक्मिणी विहार या सुनरख बांगर में बसने का विकल्प मिलेगा।