मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार एक जून 2025 से 17 अगस्त तक 581 मिमी बारिश दर्ज की गई है। जबकि, 17 अगस्त तक औसत वर्षा का अनुमान 670 मिमी प्रतिवर्ष होता है। इस वर्ष 14 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग के आंकड़े देखें तो जून महीने में 129 मिमी बारिश हुई थी। वहीं जुलाई महीने में 401 मिमी बारिश दर्ज की गई।
CG Monsoon 2025: पिथौरा विकासखंड में ज्यादा हुई बारिश
इस तरह 31 जुलाई तक जिले में कुल 530 मिमी बारिश हुई। 1 से 17 अगस्त तक 51 मिमी ही बारिश हुई है।
बारिश नहीं होने से किसानों की फसल को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाया है। इधर, गर्मी और उमस ने लोगों को हलाकान कर दिया है। किसानों की मांग पर कोडार जलाशय से भी पानी छोड़ा जा चुका है। कोडार बांध में इस वर्ष केवल 22 फीट तक ही पानी भरा। इसके बाद भी खरीफ सीजन के लिए पानी छोड़ दिया गया है। कई इलाके ऐसे भी हैं, जहां सिंचाई के साधन नहीं हैं, वहां के किसान परेशान हैं। क्योंकि, इस फसल के लिए पानी की ज्यादा जरूरत है।
1 जून से 17 अगस्त तक महासमुंद विकासखंड में 508 मिमी बारिश हुई है, जो औसत वर्षा 33 प्रतिशत कम है। सरायपाली विकासखंड में 586 मिमी बारिश हुई है। औसत से 13 प्रतिशत कम है। बसना में 549 मिमी बारिश हुई है, जो औसत वर्षा से 29 प्रतिशत कम है। पिथौरा
विकासखंड में ही औसत वर्षा से ज्यादा बारिश हुई है। अब तक 784 मिमी बारिश दर्ज की गई है। यह 25 फीसदी ज्यादा है। बागबाहरा में 549 मिमी बारिश हुई है। 10 प्रतिशत बारिश हुई है। कोमाखान में 513 मिमी बारिश हुई है व औसत से 14 प्रतिशत कम है।
जिले में बारिश की स्थिति (मिमी)
विखं 1-30 जून 31 जुलाई 17 अगस्त महासमुंद 175468 508 सरायपाली13548586 बसना 88535549 पिथौरा 134 728 784 बागबाड़ा 162475549 कोमखान 1143533 कुल (मिमी) 129मि 530581 ऑरेंट अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। बंगाल की खाड़ी में निन दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। जिसके असर से बारिश हो सकती है। दक्षिण
छत्तीसगढ़ में रेड अलर्ट जारी किया गया है। कहीं-कहीं पर इसका असर दिख सकता है। कई इलाकों में सप्ताहभर से बारिश ही नहीं हुई है।
देर से पहुंचा था मानसून
छत्तीसगढ़ में
मानसून ने समय से पहले दस्तक दे दिया था, लेकिन महासमुंद जिले में मानसून पहुंचने में देरी हुई। 17 जून को मानसून पहुंच गया था। कई इलाकों में बारिश नहीं हुई थी।