Kanwar Yatra: कांवड़ यात्रा को योगी सरकार बनाएगी ईको-फ्रेंडली और हाईटेक, सीएम ने दिए सख्त निर्देश
Kanwar Security: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद में कांवड़ यात्रा की तैयारियों और विकास परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। उन्होंने यात्रा को सुरक्षित, स्वच्छ और ईको-फ्रेंडली बनाने की अपील की और ‘पहल’ पोर्टल जैसी डिजिटल पहल से शासन की पारदर्शिता और सेवा को बढ़ावा दिया।
अफसरों संग की 20 से अधिक विभागों की समीक्षा फोटो सोर्स : Patrika
Kanwar Yatra 2025: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक दिवसीय दौरे पर गाजियाबाद पहुंचकर आगामी कांवड़ यात्रा और विकास परियोजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने इंदिरापुरम स्थित कैलाश मानसरोवर भवन में जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और 20 से अधिक विभागों की कार्य प्रगति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने इस दौरान स्पष्ट निर्देश दिए कि कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और सुरक्षा तथा सुविधा दोनों का पूरा ध्यान रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने बैठक में कांवड़ यात्रा के विशेष प्रबंधों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने मुरादनगर से टीला मोड़, कादराबाद बार्डर से गाजियाबाद-दिल्ली बार्डर, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और एनएच-24 व एनएच-9 जैसे प्रमुख मार्गों पर विशेष व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
कांवड़ शिविरों में स्वच्छता, स्वच्छ पेयजल, शौचालय, चिकित्सा सुविधाएं और अग्निशमन जैसी आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने को कहा गया। साथ ही वॉच टावर, सीसीटीवी निगरानी, पब्लिक एड्रेस सिस्टम और बैरिकेडिंग की व्यवस्था करने को कहा गया। मांस और मदिरा की दुकानों को यात्रा मार्गों पर बंद रखने, विद्युत पोलों पर 5 फुट तक इंसुलेटेड प्लास्टिक शीट लगाने और खाद्य दुकानों पर मूल्य सूची प्रदर्शित करने के निर्देश भी दिए गए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा को पर्यावरण के अनुकूल (ईको-फ्रेंडली) बनाने की बात कही। उन्होंने शिविरों को प्लास्टिक मुक्त बनाए रखने, डस्टबिन की पर्याप्त व्यवस्था करने और ईको-फ्रेंडली कप, गिलास तथा प्लेट के उपयोग को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। साथ ही सफाई कर्मियों की तैनाती, बालू और पानी की पर्याप्त उपलब्धता भी सुनिश्चित करने की बात कही गई।
सीएम योगी ने कहा कि यातायात और सुरक्षा प्रबंधन के लिए तकनीक का अधिकतम उपयोग किया जाए। सीसीटीवी, ड्रोन निगरानी, जीपीएस आधारित निगरानी प्रणाली, महिला व पुरुष शौचालयों की पृथक व्यवस्था, खाद्य सामग्री की गुणवत्ता की नियमित जांच और मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पर विशेष इंतजाम के निर्देश दिए गए।
हिन्डन नदी के पुनर्जीवन पर विशेष निर्देश
बैठक में हिन्डन नदी पुनर्जीवित योजना पर भी गहन चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने हिन्डन नदी की जल गुणवत्ता सुधारने और औद्योगिक प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सख्त निर्देश दिए। उन्होंने नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत हिन्डन नदी के पुनर्जीवन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात कही। उन्होंने संबंधित विभागों से इस कार्य की सतत निगरानी और जनसहभागिता सुनिश्चित करने को भी कहा।
विभागीय समीक्षा में विकास योजनाओं की रफ्तार पर चर्चा
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य, शिक्षा, पंचायती राज, ग्राम्य विकास, उद्यान, कृषि, महिला एवं बाल विकास, श्रम, लघु एवं मध्यम उद्योग, जल संसाधन, सिंचाई, नियोजन, वन और विद्युत विभाग समेत 20 से अधिक विभागों की योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी विकास परियोजनाएं तय समय पर पूरी हों और उनकी गुणवत्ता में कोई समझौता न किया जाए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण जलापूर्ति, पेंशन वितरण, प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच विकास की खाई को पाटने की बात कही।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के ‘पहल’ पोर्टल का शुभारंभ
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के ‘पहल’ पोर्टल का शुभारंभ भी किया। यह पोर्टल डिजिटल इंडिया की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसकी सहायता से 1.40 लाख से अधिक लोगों को संपत्ति भुगतान, दस्तावेज़ डाउनलोड, किस्तों का हिसाब, रजिस्ट्री बुकिंग और नाम परिवर्तन जैसी सेवाएं एक क्लिक पर मिल रही हैं। अब तक इस पोर्टल से 161.22 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र किया गया है और 83 मामलों में बदलाव को स्वीकृति मिली है।
‘पहल’ पोर्टल की जानकारी मुख्यमंत्री को जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने विस्तार से दी। उन्होंने बताया कि पहले यह सभी कार्य मैनुअल होते थे जिनमें समय अधिक लगता था और गलतियों की संभावना भी होती थी। अब यह प्रक्रिया पारदर्शी, सुलभ और त्वरित हो गई है।
जनप्रतिनिधियों से संवाद और सुझावों पर सहमति
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनप्रतिनिधियों से सीधे संवाद किया और उनके सुझावों को गंभीरता से लिया। उन्होंने कैलाश मानसरोवर भवन, पूर्वांचल भवन, उत्तरांचल भवन जैसे स्थानों को आमजन के उपयोग के लिए उपलब्ध कराने का प्रस्ताव तैयार करने को कहा। उन्होंने जनता को अधिक से अधिक डिजिटल सेवाएं देने की बात कही।
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