Lucknow News: गुरु तेग बहादुर संदेश यात्रा का भव्य आगाज, सीएम योगी ने किया स्वागत
Yogi Adityanath Flags Off Sri Teg Bahadur Sandesh Yatra: साहिब श्री गुरु तेग बहादुर जी महाराज के 350वें शहीदी वर्ष पर निकाली गई “श्री तेग बहादुर संदेश यात्रा” का शुभारंभ लखनऊ से हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस ऐतिहासिक यात्रा का स्वागत करते हुए इसे शांति, बलिदान और धार्मिक सहिष्णुता का प्रतीक बताया।
गुरु तेग बहादुर संदेश यात्रा: शौर्य, बलिदान और एकता का प्रतीक फोटो सोर्स :Patrika
Yogi Adityanath Guru Teg Bahadur Sandesh Yatra: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लेकर देश की राजधानी दिल्ली तक एक ऐतिहासिक और पवित्र यात्रा का शुभारंभ हुआ, जो न सिर्फ सिख समुदाय के इतिहास को जीवंत करता है, बल्कि भारत की आध्यात्मिक और बलिदानी परंपरा का भी गौरवगान करता है। साहिब गुरु तेग बहादुर जी महाराज के 350वें शहीदी वर्ष को समर्पित “श्री तेग बहादुर संदेश यात्रा” का आरंभ लखनऊ के गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा (नाका हिंडोला) से हुआ। यह यात्रा गुरुद्वारा श्री शीशगंज साहिब, चांदनी चौक, दिल्ली तक जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस ऐतिहासिक यात्रा का स्वागत व अभिनंदन किया और इसे “बलिदान, शांति और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक” बताया। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी का जीवन भारत के सांप्रदायिक सौहार्द, सहिष्णुता और धर्म की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान की मिसाल है।
श्री गुरु तेग बहादुर जी: धर्म के लिए बलिदान
सिखों के नवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी ने 1675 में कश्मीरी पंडितों और हिंदू धर्म की रक्षा के लिए मुगल शासक औरंगजेब के सामने सीधा विरोध किया था। उन्होंने जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ आवाज उठाई और अंततः अपने प्राणों की आहुति देकर मानवता और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा की। उनकी शहादत का स्थल दिल्ली का शीशगंज गुरुद्वारा आज भी उस बलिदान का साक्षी है। श्री गुरु तेग बहादुर संदेश यात्रा उसी बलिदान स्थल तक श्रद्धा, चेतना और समर्पण की भावना लेकर बढ़ रही है।
यात्रा की शुरुआत और उद्देश्य
श्री तेग बहादुर संदेश यात्रा का उद्देश्य केवल एक धार्मिक यात्रा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह यात्रा नवीन भारत में सांस्कृतिक एकता, धार्मिक सहिष्णुता, और आत्मिक चेतना को जागृत करने का माध्यम है। यात्रा का आरंभ लखनऊ के नाका हिंडोला स्थित श्री गुरु सिंह सभा से हुआ, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं, सिख संगतों, राजनेताओं, और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुद्वारा में माथा टेककर आशीर्वाद प्राप्त किया और सिख इतिहास में गुरु तेग बहादुर जी के योगदान को स्मरण किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संबोधन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि “श्री गुरु तेग बहादुर जी ने अपने प्राणों की आहुति देकर यह दिखाया कि धर्म, आस्था और मानवता की रक्षा सर्वोच्च कर्तव्य है। उनकी शिक्षाएं आज के भारत के लिए भी उतनी ही प्रासंगिक हैं।”उन्होंने कहा कि भारत की विविधता में एकता की भावना को जीवित रखने के लिए गुरु साहिब के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाना अत्यंत आवश्यक है।
यात्रा का मार्ग और पड़ाव
यह संदेश यात्रा लखनऊ से आरंभ होकर दिल्ली के ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री शीशगंज साहिब तक जाएगी, जिसमें यह कई शहरों और कस्बों से होकर गुजरेगी। रास्ते में विभिन्न स्थानों पर स्वागत समारोह आयोजित किए जाएंगे, जहाँ स्थानीय संगतें श्रद्धा और समर्पण से यात्रा का स्वागत करेंगी। यह यात्रा सांस्कृतिक समरसता और एकजुटता का भी प्रतीक बनेगी।
सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व
यह यात्रा आज के दौर में समाज में सौहार्द, भाईचारे और आत्मिक शांति के संदेश को फैलाने का सशक्त माध्यम बन रही है। यह सिख परंपरा में “चलती फिरती गुरुबाणी” का जीवंत उदाहरण है, जिसमें लोगों को धर्म, सहिष्णुता, और बलिदान की गहराई से शिक्षा दी जाती है।
प्रशासनिक और धार्मिक समन्वय
राज्य सरकार और सिख समाज के विभिन्न संगठनों ने मिलकर इस यात्रा को सफल बनाने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। मुख्यमंत्री योगी ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि यात्रा मार्ग में समुचित सुरक्षा, सफाई, चिकित्सा और जलपान जैसी सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। यह यात्रा केवल श्रद्धालुओं के लिए ही नहीं, बल्कि युवाओं के लिए भी एक प्रेरणा है। युवाओं को धर्म के असली अर्थ सत्य, सेवा, और समर्पण से जोड़ने के लिए यह एक जीवंत विद्यालय है। यह भारत की उस विरासत को सहेजने का माध्यम है, जो त्याग और तपस्या से ओतप्रोत है।
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