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परियोजना का परिचय और महत्व
इंटरनेशनल फिल्म सिटी, जिसे हाल ही में ‘Zero Date Film City’ के रूप में जाना गया है, उत्तर प्रदेश को एक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फिल्म निर्माण का केंद्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह परियोजना प्रदेश की फिल्म, पर्यटन और अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की क्षमता रखती है।पटरी से उतरी तबादला एक्सप्रेस: 1000 से ज्यादा तबादले रद्द, कर्मचारियों में नाराजगी
निर्माण – बोनी कपूर × भूटानी कंसोर्टियम
बॉलीवुड के जाने-माने निर्माता बोनी कपूर तथा भूटानी ग्रुप के कंसोर्टियम–बेव्यू भूटानी फिल्म सिटी प्रा. लि. को यह प्रोजेक्ट लाइसेंस प्रदान किया गया है। उन्होंने पहले चरण में स्टूडियो और साउंड स्टेजेस का निर्माण करने की प्रतिबद्धता जताई है, ताकि मिनी इनडोर-आउटडोर सेट, पोस्ट-प्रोडक्शन सुविधाएं, रनवे, हेलिपैड, सौर ऊर्जा आधारित लोकेशन आदि जल्द तैयार हो सकें।मौसम बना मुसीबत: अमौसी एयरपोर्ट से उड़ानें ठप
अनुमोदन प्रक्रिया
- 27 जून 2024: यीडा (यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण) ने बोनी कपूर के साथ कंसेशन अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।
- 27 फरवरी 2025: साइट पर राइट ऑफ़ वे कंसेशनायर को सौंपी गई।
- 30 जनवरी 2025: मास्टर प्लान को स्थायी रूप से मंजूरी दी गई।
- 24 जून 2025: सेक्टर 21 के पहले चरण के लेआउट को यीडा ने स्वीकृतिकृत किया।
निर्माण की समय सीमा और लक्ष्य
- ग्यारह सौ (1100) एकड़ ज़मीन में फैली परियोजना को दो चरणों में विकसित किया जाना है.
- पहला चरण (75 एकड़) – स्टूडियो निर्माण, साउंड स्टेजेस, पोस्ट-प्रोडक्शन सुविधाएं, रनवे, हेलिपैड, कॉलिंग गैलरी।
- दूसरा चरण – खुला सिनेमा सेट जैसे संसद भवन, एडवेंचर लैंडस्केप, चारधाम लोकेशंस।
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रोजगार और निवेश
यह परियोजना- लाखों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियाँ उत्पन्न करेगी।
- स्थानीय उद्यमियों व स्टार्टअप्स को सहयोग देने में सहायक सिद्ध होगी।
- पर्यटन क्षेत्र में वृद्धि करेगी।
- यूपी को फिल्म पर्यटन का हब बनाएगी।
सांस्कृतिक संरचना और सामाजिक प्रभाव
- योगी सरकार की लक्ष्य है कि यूपी की सांस्कृतिक विरासत को विश्व पटल पर प्रस्तुत किया जाए। फिल्म सिटी से:
- लोक कलाओं और रीति-रिवाजों को प्रोत्साहन मिलेगा।
- युवा प्रतिभाओं को मंच मिलने में मदद मिलेगी।
- फिल्म निर्माण की बुनियादी ढांचागत प्रतिभा सृजित होगी।
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बेव्यू भूटानी प्रोजेक्ट्स एलएलपी द्वारा झ Rajasthan जैसी प्राकृतिक लोकेशंस की सौर ऊर्जा आधारित पुनरावृत्ति लाने की योजना है। यह तकनीकी रूप से पर्यावरण के अनुकूल परियोजना है, जिससे ऊर्जा लागत में कमी आएगी।पर्यावरणीय संतुलन बना रहेगा।
शासन और नागरिक सहयोग
नगर निगम, उद्योग विभाग एवं स्थानीय प्रशासन के सहयोग से परियोजना को सुचारू रूप से कार्यान्वित किया जाएगा। गुणात्मक शुरुआत के लिए नागरिकों के सहयोग से भूमि अधिग्रहण, ट्रैफिक व्यवस्थापन और अवसंरचना सुधारे जाएंगे।किसानों का पुनर्वास, स्थानीय सुविधाओं का अनुरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा।
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चुनौतियाँ
- भूमि अधिग्रहण की पारदर्शिता
- पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव
- बुनियादी ढांचे की मात्रात्मक पूर्ति
समाधान
- पूर्व-समीक्षा और परामर्श
- स्थानीय सहयोग और पारदर्शी प्रक्रिया
- नियोजित ढांचागत विकास