scriptWorld Turtle Day: योगी सरकार के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में कछुआ संरक्षण को मिली नई दिशा | World Turtle Day: Uttar Pradesh Turtle Conservation Efforts Gain Momentum Under Yogi Government | Patrika News
लखनऊ

World Turtle Day: योगी सरकार के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में कछुआ संरक्षण को मिली नई दिशा

Wildlife Campaign: उत्तर प्रदेश सरकार ने कछुआ संरक्षण के क्षेत्र में अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य में कछुओं के आवासों की सुरक्षा, अवैध व्यापार पर रोकथाम, और जन जागरूकता के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इन पहलों से कछुआ संरक्षण को नई दिशा मिली है।

लखनऊMay 22, 2025 / 05:43 pm

Ritesh Singh

Photo Source : Patrika : कछुआ संरक्षण की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार की ऐतिहासिक पहल

Photo Source : Patrika : कछुआ संरक्षण की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार की ऐतिहासिक पहल

World Turtle Day 2025 :  उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश को न केवल कानून-व्यवस्था में बल्कि वन्यजीव संरक्षण में भी एक उदाहरण बनाकर प्रस्तुत किया है। 23 मई को विश्व कछुआ दिवस के अवसर पर यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार ने कछुआ संरक्षण की दिशा में जो कदम उठाए हैं, वे अभूतपूर्व और प्रेरणादायक हैं।

संबंधित खबरें

यह भी पढ़ें

मैनपुरी के राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज का नाम होगा बदला, मंत्री आशीष पटेल ने अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर रखने की सिफारिश की 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिन्हें जीव-जंतुओं से विशेष लगाव है, उनके मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश ने कछुआ संरक्षण के क्षेत्र में देशभर में अग्रणी स्थान हासिल किया है। वन विभाग और वन्यजीव इकाइयों की पहल पर राज्य में कछुओं के प्राकृतिक आवासों की रक्षा, अवैध व्यापार पर नियंत्रण और पुनर्वास केंद्रों की स्थापना जैसे अनेक कदम उठाए गए हैं।
Photo Source : Patrika

कछुआ संरक्षण केंद्रों की स्थापना

उत्तर प्रदेश में कुकरैल (लखनऊ), सारनाथ (वाराणसी) और चंबल (एटा, इटावा) में कछुआ संरक्षण केंद्र बनाए गए हैं। इसके अतिरिक्त, प्रयागराज के समीप यमुना नदी के किनारे 30 किलोमीटर के दायरे में फैले कछुआ अभयारण्य की स्थापना वर्ष 2020 में की गई थी। यह अभयारण्य प्रयागराज, मिर्जापुर और भदोही तक फैला हुआ है। इन केंद्रों में घायल, बीमार या जब्त किए गए कछुओं को सुरक्षित वातावरण में रखा जाता है और पुनर्वासित किया जाता है।
यह भी पढ़ें

सपा नेता विनय शंकर तिवारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत, 754 करोड़ के बैंक लोन घोटाले में बड़ी राहत

भारत में पाई जाने वाली प्रजातियां और उत्तर प्रदेश की स्थिति

भारत में कछुओं की कुल 30 प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से 15 उत्तर प्रदेश में उपलब्ध हैं। प्रमुख प्रजातियों में ब्राह्मणी, पचेड़ा, कोरी पचेड़ा, कालीटोह, साल कछुआ, तिलकधारी, भूतकथा, सुंदरी, मोरपंखी और कटहवा शामिल हैं। ये प्रजातियां न केवल जैव विविधता का प्रतीक हैं बल्कि जलीय पारिस्थितिकी तंत्र में सफाई कर्मी के रूप में कार्य करती हैं।

जल स्रोतों की स्वच्छता में कछुओं की भूमिका

कछुआ एक ऐसा जीव है जो जल स्रोतों को साफ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह नदियों, तालाबों और झीलों के भीतर जैविक कचरे को खाकर जल की गुणवत्ता को बेहतर बनाता है। ऐसे में इनका संरक्षण जल स्रोतों की स्वच्छता और जैव विविधता के लिए भी अनिवार्य हो जाता है।
यह भी पढ़ें

उत्तर प्रदेश में 31 मई को सेवानिवृत्त होंगे आधा दर्जन से अधिक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी: प्रशांत कुमार, पी.वी. रामाशास्त्री सहित

अवैध व्यापार पर नियंत्रण और पुनर्वास

वन विभाग ने कछुओं के अवैध व्यापार को रोकने के लिए कई सघन अभियान चलाए हैं। उत्तर प्रदेश उन प्रमुख राज्यों में से एक है जहां विभिन्न राज्यों से जब्त किए गए कछुओं को वापस लाकर पुनर्वासित किया जाता है। इन पुनर्वास केंद्रों में प्रशिक्षित वन कर्मियों द्वारा इनकी देखरेख की जाती है।

नमामि गंगे परियोजना से जुड़ाव

कछुआ संरक्षण को केंद्र सरकार की नमामि गंगे परियोजना के तहत भी महत्व दिया गया है। इस परियोजना के तहत कछुओं और उनके प्राकृतिक आवासों की पहचान कर उन्हें संरक्षित करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। प्रयागराज स्थित कछुआ अभयारण्य नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत कार्यरत है।
यह भी पढ़ें

UP के जिलों में उतरेंगे IAS अधिकारी, 50 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का करेंगे भौतिक सत्यापन, 26 मई को देंगे रिपोर्ट 

योगी सरकार की प्रतिबद्धता

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के वन विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कछुआ संरक्षण की दिशा में कोई कोताही न हो। इसके तहत जन जागरूकता अभियानों के अलावा, विद्यालयों, महाविद्यालयों और पर्यावरण समूहों के साथ मिलकर जागरूकता फैलाने का कार्य भी हो रहा है।
Photo Source : Patrika

वन विभाग की प्रमुख की प्रतिक्रिया

उत्तर प्रदेश की प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव) अनुराधा वेमुरी ने बताया कि सरकार के निर्देशन में विभाग कछुआ संरक्षण की दिशा में निरंतर प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि “प्रदेश में तीन संरक्षण केंद्रों के माध्यम से जहां कछुओं का संवर्धन किया जा रहा है, वहीं अन्य राज्यों से जब्त किए गए कछुओं को भी यहां लाकर पुनर्वासित किया जा रहा है।”

परंपरा और संस्कृति में कछुओं की भूमिका

भारतीय संस्कृति में कछुआ एक पूजनीय जीव माना गया है। धार्मिक ग्रंथों में भगवान विष्णु के कूर्म अवतार (कच्छप) के रूप में कछुए का उल्लेख मिलता है। कछुआ न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी इसका स्थान महत्वपूर्ण है।
यह भी पढ़ें

उत्तर प्रदेश में शिक्षकों के लिए नई स्थानांतरण नीति लागू, अब पति-पत्नी एक ही जिले में कर सकेंगे सेवा

योजनाएं: उत्तर प्रदेश सरकार की योजना है कि और अधिक जिलों में कछुआ संरक्षण केंद्र बनाए जाएं और संरक्षण को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से संरक्षण तकनीकों का आधुनिकीकरण भी किया जाएगा।

Hindi News / Lucknow / World Turtle Day: योगी सरकार के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में कछुआ संरक्षण को मिली नई दिशा

ट्रेंडिंग वीडियो