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EV क्रांति में उत्तर प्रदेश की रफ्तार धीमी क्यों? जानिए कहां पिछड़ गया देश का सबसे बड़ा राज्य

यूपी में ईवी की रफ्तार धीमी पड़ गई है। जनसंख्या और रजिस्टर्ड वाहनों में नंबर वन होने के बावजूद यूपी ईवी क्रांति में पिछड़ रहा है। यूपी की ईवी में हिस्सेदारी मात्र 7.9%, जबकि इसकी जनसंख्या देश की 17% से अधिक है।

लखनऊAug 01, 2025 / 06:59 pm

Avaneesh Kumar Mishra

उत्तरप्रदेश में धीमी पड़ी EV की रफ्तार, PC- Patrika Design Team

लखनऊ : देश भर में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) चार्जिंग स्टेशनों की संख्या अब 29,277 पहुंच चुकी है, लेकिन उत्तर प्रदेश इस दौड़ में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पा रहा है। संसद में दी गई जानकारी के अनुसार, कर्नाटक में सबसे ज्यादा 6,097 चार्जिंग स्टेशन हैं, उसके बाद महाराष्ट्र में 4,155 और फिर उत्तर प्रदेश का नंबर आता है, जहां सिर्फ 2,326 चार्जिंग स्टेशन हैं।
देश की सबसे अधिक आबादी और सबसे ज्यादा रजिस्टर्ड वाहन वाले राज्य यूपी में यह आंकड़ा ईवी इन्फ्रास्ट्रक्चर की गंभीर खामियों की ओर इशारा करता है। यूपी की हिस्सेदारी मात्र 7.9%, जबकि इसकी जनसंख्या देश की 17% से अधिक है।

एक दूरगामी रूटमैप तैयार करने की जरूरत

उत्तर प्रदेश ने अभी तक एक समग्र और आधुनिक EV नीति को पूरी तरह लागू नहीं किया है, जबकि कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों ने वर्षों पहले ही EV रोडमैप तैयार कर लिया था। नीति में देरी के चलते निजी कंपनियां निवेश को लेकर आश्वस्त नहीं हैं।
EV चार्जिंग स्टेशन खोलने के लिए जरूरी भूमि, बिजली कनेक्शन और लाइसेंसिंग को लेकर यूपी में प्रक्रिया जटिल है। इससे निजी निवेशकों को यूपी में निवेश करना कठिन लगता है।

यूपी में ईवी की स्थिति।

बड़े शहर भी चल रहे पीछे

राज्य के अधिकांश चार्जिंग स्टेशन लखनऊ, नोएडा और गाजियाबाद जैसे शहरों तक सीमित हैं। कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी और गोरखपुर जैसे बड़े शहर भी पीछे हैं, जबकि कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में तो हालात और खराब हैं।
लखनऊ के गौमतीनगर निवासी और EV कार मालिक रेखा यादव के अनुसार मेरे इलाके में कोई पब्लिक चार्जिंग स्टेशन नहीं है। हमें घर पर कार चार्ज करना पड़ता है, लेकिन लंबी दूरी की प्लानिंग करना कठिन हो जाता है।
केंद्र सरकार ने हाल ही में पीएम ई-ड्राइव योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत 10,900 करोड़ रुपये की सब्सिडी और 2,000 करोड़ रुपये EV चार्जिंग नेटवर्क के लिए आवंटित किए गए हैं। योजना का उद्देश्य है कि 2027 तक देश के हर जिले में EV चार्जिंग सुविधा उपलब्ध हो। ऊर्जा मंत्रालय के नए दिशा-निर्देश (2024 व 2025) के तहत बैटरी स्वैपिंग, पब्लिक चार्जिंग और निजी चार्जिंग के लिए स्पष्ट स्टैंडर्ड तय किए गए हैं।

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