योजना के प्रमुख उद्देश्य
बेसहारा गायों की देखभाल: सड़कों पर घूम रही बेसहारा गायों को आश्रय और सुरक्षा प्रदान करना।देशी नस्लों का संरक्षण: भारतीय देशी गायों की नस्लों के संरक्षण और संवर्धन को बढ़ावा देना।
किसानों की फसल सुरक्षा: बेसहारा पशुओं द्वारा फसलों को होने वाले नुकसान से किसानों को बचाना।
दूध का उत्पादन बढ़ाना: गरीब और कुपोषित परिवारों तक दूध की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
ग्रामीण आय में वृद्धि : ग्रामीण पशुपालकों और किसानों के लिए आय का एक नया स्रोत बनाना।
कौन कर सकता है आवेदन?
- आवेदनकर्ता उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- उसके पास पशुओं को रखने के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए।
- गोपालन का अनुभव रखने वाले व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- आवेदक का आधार से लिंक किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में बचत खाता होना अनिवार्य है।
- योजना के तहत अधिकतम 4 गायें ही दी जाएंगी (बछियों को गिनती में शामिल नहीं किया जाएगा).
- लाभार्थी को दी गई गायों को बेचना या उन्हें दोबारा छुट्टा छोड़ना सख्त मना है।
- दुग्ध समितियों से जुड़े लोग और पशु मित्र इस योजना में प्राथमिकता पाएंगे।