scriptUP Expressway Project: उत्तर प्रदेश को मिलेगा नया 6-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे, 22 जिलों और 37 तहसीलों को जोड़ेगा | UP Expressway Project: UP to Get New 6-Lane Greenfield Expressway Connecting 22 Districts and 37 Tehsils | Patrika News
लखनऊ

UP Expressway Project: उत्तर प्रदेश को मिलेगा नया 6-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे, 22 जिलों और 37 तहसीलों को जोड़ेगा

UP to Get New 6-Lane Greenfield Expressway: उत्तर प्रदेश को जल्द ही एक नया 6-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे मिलने जा रहा है। यह परियोजना प्रदेश के 22 जिलों और 37 तहसीलों को जोड़ेगी और तेज यातायात, औद्योगिक निवेश व क्षेत्रीय विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। ग्रीन कॉरिडोर मॉडल पर बनने वाले इस एक्सप्रेस वे से यात्रा समय और लागत दोनों घटेंगे।

लखनऊAug 16, 2025 / 12:15 pm

Ritesh Singh

बेहतर कनेक्टिविटी के साथ औद्योगिक विकास को भी मिलेगी रफ्तार, प्रदेश में एक्सप्रेसवे नेटवर्क और मजबूत होगा फोटो सोर्स :Social Media

बेहतर कनेक्टिविटी के साथ औद्योगिक विकास को भी मिलेगी रफ्तार, प्रदेश में एक्सप्रेसवे नेटवर्क और मजबूत होगा फोटो सोर्स :Social Media

UP Expressway Project 6-Lane : उत्तर प्रदेश को जल्द ही एक और आधुनिक 6-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे मिलने जा रहा है। यह एक्सप्रेस वे न केवल प्रदेश के 22 जिलों और 37 तहसीलों को जोड़ेगा बल्कि औद्योगिक निवेश, क्षेत्रीय विकास और यातायात सुगमता के लिहाज से भी बेहद अहम साबित होगा। यह परियोजना उत्तर प्रदेश के बढ़ते सड़क नेटवर्क को नई दिशा देने के साथ-साथ लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक गलियारों को गति देने के उद्देश्य से तैयार की जा रही है।

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एक्सप्रेस वे की खासियत

यह एक्सप्रेस वे ग्रीन फील्ड मॉडल पर बनाया जाएगा। इसका अर्थ है कि इसे पूरी तरह नए रूट पर विकसित किया जाएगा, जिससे न केवल सीधी और तेज कनेक्टिविटी मिलेगी बल्कि यात्रा समय और ईंधन की खपत भी कम होगी।
  • चौड़ाई: 6-लेन (भविष्य में 8 लेन तक विस्तार योग्य)
  • रूट: प्रदेश के 22 जिलों और 37 तहसीलों से गुजरेगा
  • उद्देश्य: माल ढुलाई को सुगम बनाना, औद्योगिक केंद्रों तक बेहतर कनेक्टिविटी
  • सुविधाएँ: टोल प्लाजा, विश्राम स्थल, ईंधन स्टेशन, आपातकालीन सेवाएं और CCTV मॉनिटरिंग

प्रदेश में एक्सप्रेस वे नेटवर्क का विस्तार

उत्तर प्रदेश में पहले से यमुना एक्सप्रेस वे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे और गंगा एक्सप्रेसवे जैसे बड़े मार्ग हैं। अब यह नया एक्सप्रेसवे इन मार्गों को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण कॉरिडोर साबित होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि अभी तक पश्चिमी और पूर्वी यूपी के औद्योगिक क्षेत्रों को जोड़ने के लिए जो नेटवर्क तैयार किया गया है, उसमें यह नया मार्ग केंद्रीय भूमिका निभाएगा।

आर्थिक विकास में योगदान

इस परियोजना से प्रदेश के पिछड़े इलाकों में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होने की संभावना है।

  • लॉजिस्टिक हब को बढ़ावा: मालवाहन की तेज़ और सुगम आवाजाही
  • निवेश आकर्षण: औद्योगिक गलियारे के आसपास भूमि की मांग में वृद्धि
  • कृषि उत्पादों का परिवहन: किसानों को अपने उत्पाद दूरस्थ मंडियों तक पहुँचाने में सुविधा

पर्यावरण के अनुकूल डिजाइन

  • ग्रीनफील्ड परियोजना के तहत पर्यावरण संरक्षण पर विशेष जोर रहेगा।
  • एक्सप्रेसवे के दोनों ओर हरित पट्टी (Green Belt) विकसित की जाएगी।
  • जल संचयन (Rainwater Harvesting) के लिए संरचनाएँ बनाई जाएँगी।
  • ध्वनि प्रदूषण कम करने के लिए साउंड बैरियर लगाए जाएँगे।
  • ई-वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन भी प्रस्तावित हैं।

37 तहसीलों और 22 जिलों के लिए वरदान

प्रदेश के जिन 22 जिलों से यह एक्सप्रेस वे गुजरेगा, वहाँ रहने वाले लोगों को बेहतर सड़क कनेक्टिविटी, तेज़ आवागमन और स्थानीय कारोबार को बढ़ावा मिलेगा।
  • छोटे कस्बों और गांवों को राजधानी लखनऊ और NCR से जोड़ने का फायदा मिलेगा।
  • सड़क यात्रा का समय 40 से 50 प्रतिशत तक कम होने का अनुमान है।
  • शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच भी आसान होगी।

सरकार की प्राथमिकता परियोजना

  • उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि अगले कुछ वर्षों में सड़क अवसंरचना को विश्व स्तरीय स्तर पर पहुँचाया जाए।
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार कह चुके हैं कि एक्सप्रेसवे केवल सड़कों का जाल नहीं बल्कि प्रदेश के विकास का इंजन हैं।
  • इस परियोजना के पूरा होने के बाद निवेश, पर्यटन और व्यापार को एक साथ बढ़ावा मिलेगा।

क्या होगा असर

  • औद्योगिक शहरों और छोटे कस्बों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
  • मालवाहन की लागत कम होगी, जिससे उद्योग प्रतिस्पर्धी बनेंगे।
  • राष्ट्रीय राजमार्गों पर भीड़भाड़ कम होगी और सड़क दुर्घटनाएँ भी घट सकती हैं।
  • प्रदेश की जीडीपी वृद्धि दर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

लॉजिस्टिक कंपनियों के लिए बड़ी राहत

राज्य में काम कर रही लॉजिस्टिक और ट्रांसपोर्ट कंपनियां इस परियोजना को गेमचेंजर मान रही हैं। नए एक्सप्रेसवे के बनने से ट्रक और कंटेनर को एक छोर से दूसरे छोर तक पहुँचने में कई घंटे की बचत होगी।

कब तक शुरू होगा निर्माण

  • सूत्रों के अनुसार परियोजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) अंतिम चरण में है।
  • भूमि अधिग्रहण का काम प्राथमिकता पर होगा।
  • सरकार ने संकेत दिया है कि अगले वर्ष के मध्य तक निर्माण कार्य शुरू हो सकता है।
  • पूरा एक्सप्रेस वे 3 से 4 वर्षों में तैयार होने की संभावना।

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