UP Assembly 2025 : 2017 के बाद यूपी की नई उड़ान: सीएम योगी बोले- बीमारू से विकसित की ओर बढ़ा प्रदेश
UP Big Leap: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद में कहा कि 2017 के बाद उत्तर प्रदेश में न केवल इंफ्रास्ट्रक्चर बल्कि सरकारी सोच और अप्रोच में भी सार्थक बदलाव आया है। उन्होंने यूपी की आर्थिक प्रगति, कानून-व्यवस्था, कृषि विकास और निवेश माहौल को उजागर करते हुए कहा कि प्रदेश अब “बीमारू” से “विकसित” की ओर अग्रसर है।
2017 से पहले यूपी पिछड़ा, अब बढ़ रही तेज़ी से आगे फोटो सोर्स : Patrika
Yogi Adityanath UP Assembly Infrastructure Growth: उत्तर प्रदेश विधान परिषद में ‘विकसित भारत–विकसित उत्तर प्रदेश’ विषय पर चल रही 26 घंटे लंबी चर्चा के समापन सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 के बाद प्रदेश में न केवल इंफ्रास्ट्रक्चर बदला है बल्कि सरकारी सोच और कार्यपद्धति में भी सार्थक बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न 2047 को साकार करने में उत्तर प्रदेश की भूमिका अब निर्णायक हो रही है।
सीएम योगी ने कहा कि इस चर्चा की शुरुआत सदन के नेता और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने की थी और तमाम व्यवधानों के बावजूद यह चर्चा लगातार 26 घंटे तक चली। मुख्यमंत्री ने सभापति और सभी सदस्यों को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह विमर्श प्रदेश के भविष्य और विकास के स्पष्ट रोडमैप का प्रतीक है।
2017 से पहले यूपी पिछड़ा, अब बढ़ रही तेज़ी से आगे
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आजादी के बाद से 1960 के दशक तक राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में यूपी का योगदान 14% से अधिक था, जो 2017 तक घटकर मात्र 8% रह गया। “नीतिगत उदासीनता, भ्रष्टाचार, अपराध और भाई-भतीजावाद ने यूपी को बीमारू राज्य की श्रेणी में ला दिया था। न बिजली, न सड़क, न रोजगार, युवाओं का पलायन और किसानों की बदहाली आम बात थी,” सीएम ने कहा। उन्होंने 1947 से 2017 के बीच की गिरावट, 2017 से 2025 तक हुए सुधार और 2025 से 2047 तक के लक्ष्यों की रूपरेखा रखी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बना है और यूपी अब भारत की विकास यात्रा का अहम चालक बन रहा है।
2017 के बाद यूपी में कानून और निवेश का नया माहौल
सीएम योगी ने कहा कि अब प्रदेश में कानून का राज स्थापित हुआ है और अपराध-अपराधियों के लिए ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति लागू की गई है। इससे उद्योगों के लिए सुरक्षित वातावरण बना है और यूपी निवेशकों की पहली पसंद बनकर उभरा है। अब यूपी की पहचान सुशासन, गुड गवर्नेंस, बेहतर कानून व्यवस्था और स्थिरता से है। जल, थल और नभ हर स्तर पर बेहतरीन कनेक्टिविटी, एक्सप्रेस वे और मेट्रो के नेटवर्क से प्रदेश की तस्वीर बदली है। लाभार्थी योजनाएं बिना भेदभाव के लागू हो रही हैं और शासन की सहायता सीधे किसानों के खातों में पहुँच रही है,” सीएम ने कहा।
जीएसडीपी और प्रति व्यक्ति आय में रिकॉर्ड वृद्धि
सीएम योगी ने आँकड़े प्रस्तुत करते हुए बताया कि 2016-17 में यूपी की जीएसडीपी 13 लाख करोड़ रुपये थी, जो इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 35 लाख करोड़ रुपये तक पहुँचने जा रही है। “प्रदेश का जीडीपी में योगदान 8% से बढ़कर साढ़े 9% तक पहुँचेगा। 2016-17 में प्रति व्यक्ति आय 43 हजार रुपये थी, जो अब बढ़कर 1.20 लाख रुपये होने जा रही है,” उन्होंने कहा। उन्होंने बताया कि यूपी का निर्यात 84 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 1.86 लाख करोड़ रुपये हुआ है। “प्रदेश अब रेवेन्यू सरप्लस स्टेट के रूप में तेजी से आगे बढ़ रहा है,” सीएम ने कहा।
कृषि में यूपी बना अन्न महाशक्ति
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों में 2017 के बाद व्यापक बदलाव आए हैं। “आज यूपी देश के अंदर 21% खाद्यान्न उत्पादन कर रहा है। गेहूं उत्पादन में नंबर एक, दलहन-तिलहन और सब्जी-फल उत्पादन में अग्रणी है। कृषि विकास दर 14% है, जो राष्ट्रीय औसत से 4.5% अधिक है,” सीएम ने कहा। उन्होंने बताया कि किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए निर्यात प्रोत्साहन बोर्ड का गठन किया गया है। पिछले सात-आठ साल में धान के लिए 88,951 करोड़ रुपये और गेहूं के लिए 45,935 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों को डीबीटी से किया गया। बाजरा खरीद के लिए भी किसानों को सीधे भुगतान दिया गया।
गन्ना और चीनी उद्योग का कायाकल्प
सीएम योगी ने कहा कि जहां कभी चीनी मिलें बंद हो रही थीं, आज यूपी अकेले 55% चीनी उत्पादन कर रहा है। “2017 से अब तक 2.86 लाख करोड़ रुपये गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है। 120 चीनी मिलें संचालित हैं, जिनमें से अधिकांश समय पर भुगतान कर रही हैं। नई मिलों की स्थापना, क्षमता विस्तार और एथेनॉल उत्पादन में यूपी देश में नंबर एक पर है,” उन्होंने बताया। उन्होंने कहा कि 2017 में यूपी 42 करोड़ लीटर एथेनॉल उत्पादन करता था, जो 2024-25 में बढ़कर 177 करोड़ लीटर हो गया है। इससे 1.25 लाख नए रोजगार भी सृजित हुए हैं।
किसानों को मिली नई सुविधाएँ
सीएम योगी ने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि में 2.86 करोड़ किसानों के खाते में 90 हजार करोड़ रुपये भेजे गए। पीएम कुसुम योजना में एक लाख सोलर पैनल किसानों को दिए गए। “31 सिंचाई परियोजनाएँ पूरी हुईं, जिससे 23 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा मिली। यूपी में पहली बार 15 लाख निजी नलकूपों को मुफ्त बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराया गया,” उन्होंने कहा। उन्होंने यह भी बताया कि लखनऊ में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के नाम पर प्रदेश का पहला अत्याधुनिक सीड पार्क बनाया जा रहा है, जो कृषि क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाएगा।
“यूपी अब उम्मीद से आगे बढ़कर उदाहरण बन रहा है”
सीएम योगी ने कहा कि जीआईएस के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा था कि “यूपी में आशा है, यूपी अब उम्मीद बन चुका है।” उन्होंने कहा, “आज प्रदेश नीतिगत पारदर्शिता, ईमानदार प्रशासन और विकास की गति से पूरे देश के लिए मिसाल बन रहा है।” मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि डबल इंजन सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र के साथ बिना तुष्टिकरण और भेदभाव के योजनाएँ लागू कर रही है।
मुख्य बिंदु संक्षेप में
2017 के पहले यूपी का राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में योगदान 8% तक गिरा।
2017 के बाद जीएसडीपी 13 लाख करोड़ से बढ़कर 35 लाख करोड़ तक पहुँची।
प्रति व्यक्ति आय 43 हजार से बढ़कर 1.20 लाख रुपये हुई।
कृषि विकास दर 14%, खाद्यान्न उत्पादन में 21% योगदान।
चीनी उद्योग और एथेनॉल उत्पादन में यूपी देश में नंबर एक। किसानों को डीबीटी से भुगतान, पीएम किसान निधि में 90 हजार करोड़ भेजे।
31 सिंचाई परियोजनाएं पूरी, 15 लाख निजी नलकूपों को फ्री बिजली।
यूपी अब रेवेन्यू सरप्लस स्टेट और निवेशकों की पहली पसंद।
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