जिले में ही ट्रेनिंग, जिले में ही जॉब
योजना के तहत हर जिले के स्थानीय उद्योगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पांच प्रमुख सेक्टर चुने जा रहे हैं। इन सेक्टरों में काम कर रही स्थानीय कंपनियों और औद्योगिक इकाइयों की मांग के मुताबिक युवाओं को स्किल ट्रेनिंग दी जाएगी। खास बात यह है कि ट्रेनिंग पूरी होते ही इन्हीं कंपनियों में युवाओं को जॉब मिल सकेगी।26 सेक्टरों में से होगा चयन
कौशल विकास मिशन ने सभी ज़िलों के मुख्य विकास अधिकारियों (CDOs) को 26 सेक्टरों की सूची सौंपी है, जिनमें से उन्हें अपने जिले के लिए पांच सबसे उपयुक्त सेक्टरों का चयन करना है। इनका चयन रोजगार की संभावनाओं, तकनीकी जरूरतों और उद्योगों की मांग को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा।कंपनियों से सीधा कनेक्शन
हर जिले में पांच प्रमुख कंपनियों या औद्योगिक इकाइयों को चिन्हित किया जाएगा। इन कंपनियों के साथ समन्वय कर युवाओं को उनकी जरूरत के अनुसार ट्रेनिंग दी जाएगी। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि युवाओं को ट्रेनिंग पूरी करते ही जॉब ऑफर मिल जाएगा — वो भी अपने जिले में।
तीन साल में पूरे प्रदेश में लागू होगी योजना
कौशल विकास मिशन के निदेशक पुलकित खरे ने हाल ही में सभी जिलों के CDOs के साथ बैठक कर इस योजना की रूपरेखा साझा की है। योजना को अगले तीन वर्षों में पूरे प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। जिला प्रशासन, उद्योग प्रतिनिधियों, प्रशिक्षण संस्थानों और मिशन टीम के बीच समन्वय बनाकर यह योजना चलाई जाएगी।