सवा साल पहले शुरू हुई यह पहल
सवा साल पहले शुरू हुई यह परिवर्तनकारी पहल 2,100 से अधिक गंभीर रूप से बीमार रोगियों को उनके अपने जिलों में समय पर और उचित उपचार प्राप्त करने में उपयोगी साबित हुई है। इससे इन रोगियों व उनके परिवारीजनों को लखनऊ या दिल्ली दौड़ने में होने वाली आर्थिक व मानसिक पीड़ा से काफी राहत मिली है। इस पहल से पहले, कई जिला अस्पतालों के सामने एक आम चुनौती मौजूदा आईसीयू सुविधाओं का कम उपयोग थी। हालांकि, इन अस्पतालों में अक्सर आईसीयू का भौतिक ढांचा मौजूद होता था, लेकिन इन इकाइयों के प्रभावी संचालन और रखरखाव के लिए आवश्यक प्रशिक्षित विशेषज्ञों और पर्याप्त कुशल कर्मचारियों का अक्सर अभाव रहता था। इस कमी के कारण गंभीर रूप से बीमार मरीजों को अक्सर बड़े शहरों के अस्पतालों में रेफर करना पड़ता था। इस महत्वपूर्ण कमी को दूर करने के लिए योगी सरकार ने जिला अस्पतालों में डाॅक्टरों व नर्स को प्रभावी आईसीयू प्रबंधन के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से सशक्त बनाने के उद्देश्य से व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया।
विविध समूह को दिया गया प्रशिक्षण
इस विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का नेतृत्व महारानी लक्ष्मी बाई (एमएलबी) मेडिकल कॉलेज, झांसी के प्रोफेसर अंशुल जैन ने किया, जो क्रिटिकल केयर मेडिसिन के प्रसिद्ध विशेषज्ञ हैं। यह कार्यक्रम केयर-अप पहल के तहत कार्यान्वित किया गया था, जिसका अर्थ है आगामी आईसीयू पेशेवरों के लिए क्रिटिकल केयर एडवांसमेंट एंड रेडीनेस एन्हांसमेंट। इस सावधानीपूर्वक डिज़ाइन किए गए कार्यक्रम ने प्रदेश के ज़िला अस्पतालों के डॉक्टरों, नर्सों और लैब टेक्नीशियनों सहित स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के विविध समूह को गहन प्रशिक्षण प्रदान किया। पाठ्यक्रम में वेंटिलेटर प्रबंधन, रोगी निगरानी, संक्रमण नियंत्रण और आईसीयू देखभाल के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं सहित कई आवश्यक विषय शामिल थे।
लखनऊ के कई अस्पतालों में पूरी तरह से चालू और सक्रिय
वर्तमान में राजधानी लखनऊ के कई अस्पतालों में पूरी तरह से चालू और सक्रिय आईसीयू मरीजों की सेवा कर रहे हैं। इनमें बलरामपुर अस्पताल, सिविल अस्पताल, रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल, लोकबंधु अस्पताल और राम सागर मिश्रा अस्पताल शामिल हैं, जो शहर के निवासियों को महत्वपूर्ण गहन देखभाल सेवाएं प्रदान करते हैं। इसके अलावा बाराबंकी, अयोध्या, सीतापुर, उन्नाव, कानपुर नगर, वाराणसी, प्रयागराज, अंबेडकर नगर, बलिया, आजमगढ़, मऊ, गोरखपुर और बस्ती के जिला अस्पतालों में भी आईसीयू प्रभावी ढंग से काम कर रहे हैं, जिससे गहन देखभाल सेवाओं की पहुंच व्यापक भौगोलिक क्षेत्र तक बढ़ रही है। पश्चिमी में इटावा, बांदा, चित्रकूट, आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, अलीगढ़, बुलंदशहर, कन्नौज, झांसी, बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर और शामली के जिला अस्पतालों में सक्रिय आईसीयू आवश्यक देखभाल प्रदान कर रहे हैं।