Kanwar Special Train: श्रावण मास कांवड़ मेले के लिए उत्तर रेलवे की विशेष ट्रेनों का संचालन शुरू
Special Trains for Kanwar Yatra 2025: श्रावण मास कांवड़ मेला 2025 के दौरान हरिद्वार और ऋषिकेश जाने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए उत्तर रेलवे ने विशेष अनारक्षित ट्रेनों का संचालन शुरू किया है। ये ट्रेनें 11 जुलाई से 10 अगस्त तक रोज़ चलेंगी और प्रमुख स्टेशनों पर ठहरेंगी, जिससे यात्रा अधिक सुविधाजनक हो सकेगी।
उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल ने जारी किया विशेष कार्यक्रम, श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर व्यापक इंतजाम फोटो सोर्स : Patrika
Kanwar Special Train 2025 : श्रावण मास में होने वाली पवित्र कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तर रेलवे ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए एक अहम कदम उठाया है। 11 जुलाई से 23 जुलाई 2025 तक हरिद्वार में आयोजित “श्रावण मास कांवड़ मेला – 2025” के दृष्टिगत यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उत्तर रेलवे, लखनऊ मंडल ने विशेष अनारक्षित रेलगाड़ियों के संचालन की घोषणा की है। रेलवे प्रशासन का मानना है कि इस आयोजन में उत्तर भारत के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु हरिद्वार, ऋषिकेश व गंगा तटों तक पहुंचते हैं। उनकी सुरक्षित, सुविधाजनक और सहज यात्रा सुनिश्चित करने के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं।
उत्तर रेलवे द्वारा चलाई जा रही प्रमुख विशेष गाड़ियाँ निम्नलिखित हैं:
1. गाड़ी संख्या 04318: योग नगरी ऋषिकेश–आलमनगर अनारक्षित मेला विशेष प्रारंभ तिथि: 11 जुलाई 2025 से 9 अगस्त 2025 तक (प्रतिदिन)
प्रस्थान समय: योग नगरी ऋषिकेश से शाम 7:00 बजे
गंतव्य पर आगमन: अगले दिन सुबह 10:45 बजे आलमनगर पर
2. गाड़ी संख्या 04317: आलमनगर–योग नगरी ऋषिकेश अनारक्षित मेला विशेष प्रारंभ तिथि: 12 जुलाई 2025 से 10 अगस्त 2025 तक (प्रतिदिन)
प्रस्थान समय: आलमनगर से दोपहर 12:05 बजे
गंतव्य पर आगमन: योग नगरी ऋषिकेश पर रात्रि 11:00 बजे
महत्वपूर्ण स्टेशनों पर ठहराव
इन विशेष ट्रेनों को उन स्टेशनों पर भी ठहराव दिया गया है जहां से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यात्रा करते हैं:
रायवाला जं.
मोतीचूर
हरिद्वार
ज्वालापुर
लक्सर
बालावाली
मुअज़्ज़मपुर नारायण जं.
नजीबाबाद जं.
मुरादाबाद
रामपुर
बरेली
शाहजहाँपुर
आलमनगर
यह ट्रेन मार्ग श्रद्धालुओं के लिए सर्वाधिक सुगम व व्यावहारिक मार्ग माना जा रहा है।
कोच संरचना: श्रद्धालु सुविधा के अनुकूल
इन मेला विशेष ट्रेनों में कुल 16 कोच होंगे, जिसमें शामिल हैं:
14 सामान्य श्रेणी (जनरल क्लास) कोच
02 एसएलआर (SLR) कोच
यह कोच संरचना ऐसे यात्रियों को ध्यान में रखकर की गई है जो सामान्य किराये पर यात्रा करते हैं, विशेषकर कांवड़ यात्रा में जाने वाले श्रद्धालु जो सामूहिक रूप से पैदल या ट्रेन से गंतव्य की ओर बढ़ते हैं।
रेलवे की अपील: अनुशासन व स्वच्छता बनाए रखें
रेल प्रशासन ने श्रद्धालुओं से सजग, अनुशासित और साफ-सुथरे ढंग से यात्रा करने की अपील की है। यात्रा के दौरान निम्नलिखित बातों का विशेष ध्यान रखने का अनुरोध किया गया है:
स्टेशन परिसरों व ट्रेन में स्वच्छता बनाए रखें
अनावश्यक धक्का-मुक्की या अफरा-तफरी से बचें
रेलवे कर्मचारियों व सुरक्षाकर्मियों के निर्देशों का पालन करें
ट्रेन में चढ़ते व उतरते समय सावधानी बरतें
यात्रा के दौरान धार्मिक भावना के अनुरूप व्यवहार करें
रेल प्रशासन द्वारा यात्रियों की सुविधा हेतु पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाएं और जनसंपर्क टीम की तैनाती भी की गई है।
कांवड़ यात्रा का महत्व
श्रावण मास में कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व है। लाखों श्रद्धालु गंगा जल लेकर अपने-अपने गाँव, कस्बों व शहरों में स्थित शिवालयों में जलाभिषेक करने हेतु जाते हैं। यह यात्रा मुख्यतः हरिद्वार, ऋषिकेश, गंगोत्री और अन्य तीर्थ स्थलों से शुरू होकर पूरे उत्तर भारत में संपन्न होती है। इस धार्मिक अवसर पर ट्रेनों, सड़कों, शिविरों और गंगा घाटों पर विशेष भीड़ उमड़ती है। उत्तर रेलवे द्वारा चलाई जा रही विशेष गाड़ियां न केवल श्रद्धालुओं को राहत देंगी, बल्कि रेल यातायात के प्रबंधन को भी आसान बनाएंगी।
रेलवे प्रशासन की तैयारी व प्रतिबद्धता
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक (कुलदीप तिवारी) के अनुसार “श्रद्धालुओं की सुविधा हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। कांवड़ मेला में आने वाले यात्रियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए विशेष ट्रेनों का संचालन सुनिश्चित किया गया है। हम यात्रियों से अनुरोध करते हैं कि वे रेलवे की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और यात्रा को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न करें।”रेलवे ने इसके अलावा ट्रेनों की निगरानी के लिए कंट्रोल रूम, हेल्प डेस्क और स्वयंसेवक टीम की भी व्यवस्था की है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तत्काल सहायता प्रदान की जा सके।
श्रद्धालुओं के लिए बड़ी राहत
उत्तर रेलवे द्वारा कांवड़ मेला 2025 के लिए की गई ये विशेष रेल व्यवस्था उन लाखों श्रद्धालुओं के लिए राहत की सांस है जो हरिद्वार, ऋषिकेश और अन्य तीर्थ स्थलों की ओर यात्रा करते हैं। यह न केवल सुविधा प्रदान करती है, बल्कि धार्मिक भावनाओं के अनुरूप एक सुव्यवस्थित यात्रा अनुभव भी सुनिश्चित करती है। रेलवे प्रशासन की यह पहल धार्मिक श्रद्धा, जन सेवा और सुव्यवस्था का सुंदर समन्वय है, जो कि आने वाले वर्षों के लिए एक अनुकरणीय मॉडल बन सकती है।
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