PPS Promotion: यूपी के 67 पीपीएस अफसर बने सीनियर डीएसपी, मिला 6600 ग्रेड पे का लाभ
Senior DSP: उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा के 67 PPS अधिकारियों को बड़ा तोहफा मिला है। 2015 और 2016 बैच के इन अधिकारियों को 5400 ग्रेड पे प्रमोशन के बाद अब 6600 ग्रेड पे का लाभ दिया गया है। नए वेतनमान के साथ ये सभी अधिकारी ‘सीनियर डीएसपी’ कहलाएंगे, जिससे विभाग में उत्साह का माहौल है।
2015 और 2016 बैच के अधिकारियों को प्रमोशन के बाद मिला वरिष्ठ वेतनमान, पुलिस महकमे में खुशी की लहर फोटो सोर्स : Social Media
PPS Promotion UP: उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा (PPS) के 67 अधिकारियों के करियर में शुक्रवार को एक बड़ा मील का पत्थर जुड़ गया। राज्य सरकार ने इन अधिकारियों को 5400 ग्रेड पे पर प्रमोशन के बाद ज्येष्ठ वेतनमान (Senior Pay Scale) का लाभ प्रदान करते हुए उन्हें 6600 ग्रेड पे पर पदोन्नत कर दिया है। इसके साथ ही अब ये सभी अधिकारी आधिकारिक तौर पर सीनियर डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (Sr. DSP) के पदनाम से पहचाने जाएंगे।
सूत्रों के अनुसार इस सूची में मुख्य रूप से वर्ष 2015 और 2016 बैच के अधिकारी शामिल हैं, जिन्होंने अपनी सेवा के निर्धारित समय, प्रदर्शन मूल्यांकन और विभागीय आवश्यकताओं को पूरा किया है। पुलिस मुख्यालय से आदेश जारी होने के बाद संबंधित जनपदों में तैनात इन अधिकारियों को नए वेतनमान के साथ उनकी वरिष्ठता सूची में भी स्थान मिला है।
क्या है मामला
उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा में अधिकारियों के लिए ग्रेड पे और वेतनमान की संरचना समय-समय पर संशोधित होती रहती है। नियमों के अनुसार, PPS अधिकारियों को प्रारंभिक नियुक्ति के बाद एक निश्चित अवधि पूर्ण करने पर 5400 ग्रेड पे पर पदोन्नति दी जाती है। इसके पश्चात, सेवा अवधि और प्रदर्शन के आधार पर उन्हें ज्येष्ठ वेतनमान यानी 6600 ग्रेड पे प्रदान किया जाता है। इस बार, 67 PPS अधिकारियों को यह लाभ एक साथ मिला है। वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि यह प्रमोशन न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि पद की गरिमा और जिम्मेदारी के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है।
सीनियर डीएसपी: नई जिम्मेदारियां और चुनौतियां
‘सीनियर डिप्टी एसपी’ का पद केवल वेतन वृद्धि का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह अधिक जिम्मेदारियों और संवेदनशील कार्यों का संकेत भी है। अब इन अधिकारियों को कानून-व्यवस्था बनाए रखने, बड़े अपराधों की जांच, भीड़-नियंत्रण, संवेदनशील इलाकों में ऑपरेशन की कमान और विशेष अभियानों का नेतृत्व करने का अवसर मिलेगा। पुलिस विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “सीनियर डीएसपी के रूप में नियुक्त अधिकारी अब जिला पुलिस प्रशासन में और भी अहम भूमिका निभाएंगे। इनसे अपेक्षा की जाएगी कि वे अपने अनुभव और प्रशिक्षण का उपयोग करके कानून व्यवस्था की चुनौतियों का प्रभावी समाधान करें।”
वर्ष 2015 और 2016 बैच के अफसरों की मेहनत का परिणाम
इस सूची में शामिल अधिकतर अधिकारी 2015 और 2016 बैच के हैं। इन अधिकारियों ने पिछले वर्षों में विभिन्न जनपदों और इकाइयों में तैनाती के दौरान अपराध नियंत्रण, संवेदनशील मामलों की जांच, और जनता के साथ भरोसेमंद संबंध बनाने में उल्लेखनीय योगदान दिया है। इनमें से कई अधिकारियों ने हाल के वर्षों में संगठित अपराध, साइबर अपराध और महिला सुरक्षा से जुड़े मामलों में भी महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। यही कारण है कि उनके प्रमोशन को विभागीय स्तर पर योग्य मान्यता मिली है।
वित्तीय और प्रशासनिक लाभ
6600 ग्रेड पे मिलने के बाद इन अधिकारियों के वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। साथ ही उन्हें उच्च श्रेणी के भत्ते, सरकारी आवास में प्राथमिकता, और कुछ मामलों में आधिकारिक वाहन सुविधा भी मिल सकती है। इसके अलावा, उनका वरिष्ठता क्रम भी अपडेट होगा, जिससे आगे के प्रमोशन में उन्हें लाभ मिलेगा।
पुलिस महकमे में खुशी की लहर
इस प्रमोशन की खबर मिलते ही पुलिस मुख्यालय और जिलों में तैनात PPS अधिकारियों में खुशी की लहर दौड़ गई। कई अधिकारियों ने इसे अपने वर्षों की मेहनत, अनुशासन और निष्ठा का परिणाम बताया। एक नव-पदोन्नत अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि “यह केवल वेतन बढ़ोतरी नहीं है, बल्कि यह हमारे काम और समर्पण की आधिकारिक पहचान है। अब जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं और जनता की उम्मीदें भी।”
PPS से IPS तक का सफर
PPS अधिकारी, उत्तर प्रदेश राज्य पुलिस सेवा का अहम हिस्सा होते हैं। चयनित उम्मीदवार आमतौर पर राज्य लोक सेवा आयोग (UPPSC) के माध्यम से नियुक्त होते हैं। सेवा में श्रेष्ठ प्रदर्शन और अनुभव के आधार पर उन्हें बाद में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में प्रोन्नति का अवसर भी मिलता है। सीनियर डीएसपी का पद PPS अधिकारियों के लिए IPS में पदोन्नति से पहले का एक महत्वपूर्ण चरण होता है। इस स्तर पर अधिकारी न केवल जिला स्तर पर बल्कि रेंज और जोन स्तर पर भी नेतृत्वकारी भूमिका निभाने लगते हैं।
सरकार और विभाग की भूमिका
इस प्रमोशन प्रक्रिया में गृह विभाग, पुलिस मुख्यालय और कार्मिक विभाग के बीच समन्वय होता है। सरकार समय-समय पर पात्र अधिकारियों की सूची तैयार कर उनकी वरिष्ठता, सेवा रिकॉर्ड और विभागीय रिपोर्ट की समीक्षा करती है। इसके बाद ही प्रमोशन आदेश जारी किए जाते हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, “सरकार का प्रयास है कि योग्य और मेहनती अधिकारियों को समय पर प्रमोशन देकर उन्हें प्रेरित किया जाए, ताकि वे कानून-व्यवस्था की चुनौतियों का और बेहतर तरीके से सामना कर सकें।”
जनता की नजर में पुलिस सेवा
इन प्रमोशनों का प्रभाव केवल पुलिस महकमे तक सीमित नहीं है। जनता की नजर में जब पुलिस अधिकारी प्रमोशन पाते हैं, तो यह भरोसे को मजबूत करता है कि मेहनत और ईमानदारी का सम्मान होता है। इससे पुलिस की छवि पर सकारात्मक असर पड़ता है, और विभागीय मनोबल भी ऊँचा रहता है।
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