सामूहिक विवाह योजना का लाभ लेने के लिए अहर्ता
प्रदेश सरकार के शासनादेश के अनुसार, कन्या के अभिभावक का यूपी का मूल निवासी होना चाहिए। विवाह योग्य आयु की पुष्टि के लिए स्कूल का रिकॉर्ड, जन्म प्रमाणपत्र, मतदाता पहचान पत्र, मनरेगा जॉब कार्ड और आधार कार्ड मान्य होंगे। योजना में निराश्रित कन्या, विधवा महिला की पुत्री, दिव्यांग अभिभावक की पुत्री व दिव्यांग बेटी को प्राथमिकता दी जाएगी।
DM की निगरानी में होगा सामूहिक विवाह का आयोजन
खर्च में पुजारी-मौलवी की दक्षिणा व पारिश्रमिक भी शामिल है। जिलास्तर पर डीएम की निगरानी में समाज कल्याण अधिकारी सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन कराएंगे। कन्या के खाते में 60 हजार रुपये डीबीटी के माध्यम से भेजे जाएंगे। 25 हजार रुपये मूल्य की वैवाहिक उपहार सामग्री दी जाएगी। प्रति जोड़ा 15 हजार रुपये आयोजन पर खर्च होगा। इस राशि में विवाह संपन्न कराने वाले पुजारी और मौलवी की दक्षिणा व पारिश्रमिक भी शामिल होगा। 100 या उससे अधिक जोड़ों के विवाह समारोह के लिए जर्मन हैंगर की व्यवस्था की जाएगी। जर्मन हैंगर वह व्यवस्था है जब किसी समारोह में VVIP का आगमन होता है। यह हैंगर उनके ही सुविधा के लिए लगाया जाता है।