scriptMinister Vs Bureaucracy: क्या यूपी में अफसरशाही ही असली सरकार बन गई है? मंत्री नंदी के खुलासे से हलचल | Minister Vs Bureaucracy: Is Bureaucracy Real Power in UP? Minister Explosive Letter to CM Sparks Storm | Patrika News
लखनऊ

Minister Vs Bureaucracy: क्या यूपी में अफसरशाही ही असली सरकार बन गई है? मंत्री नंदी के खुलासे से हलचल

Bureaucracy Real Power in UP: उत्तर प्रदेश में सत्ता और प्रशासन के बीच की खींचतान अब खुलकर सामने आ गई है। औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अफसरशाही पर गंभीर आरोप लगाए हैं। यह मामला सिर्फ एक मंत्री का नहीं, बल्कि लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों की अनदेखी का प्रतीक बन गया है।

लखनऊJul 08, 2025 / 01:10 pm

Ritesh Singh

मंत्री के आरोपों ने खोली सिस्टम की परतें, सीएम को लिखी शिकायत ने मचाई खलबली    फोटो सोर्स : Social Media

मंत्री के आरोपों ने खोली सिस्टम की परतें, सीएम को लिखी शिकायत ने मचाई खलबली    फोटो सोर्स : Social Media

Minister Vs Bureaucracy: उत्तर प्रदेश में सत्ता का केंद्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं, पर सवाल यह उठ रहा है कि क्या हकीकत में सरकार चलाने वाली ताकत नौकरशाही बन चुकी है? यह सवाल और अधिक गंभीर हो गया है जब राज्य सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने अफसरशाही के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोलते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा और उसमें गंभीर आरोप लगाए।
यह किसी विपक्षी पार्टी का आरोप नहीं, बल्कि सत्ता के केंद्र में बैठा एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री यह बात कह रहा है कि “फाइलें मंगाने पर अफसर डंप कर देते हैं,” और “दो साल से मेरे निर्देशों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।” इससे यह सवाल उठता है कि क्या उत्तर प्रदेश में लोकतांत्रिक व्यवस्था की जड़ें कमजोर हो रही हैं?

मंत्री नंदी का सीधा आरोप: अफसरशाही लोकतंत्र को चुनौती दे रही है

नंद गोपाल नंदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में कहा है कि उनके विभाग के अधिकारी न तो उनकी बात सुन रहे हैं और न ही शासनादेशों का पालन कर रहे हैं। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि अफसर नीतियों को दरकिनार कर अपने चहेतों को लाभ पहुंचा रहे हैं, और मंत्री के निर्देशों को नजरअंदाज कर पत्रावलियां गायब कर दी जा रही हैं। उन्होंने यह भी लिखा कि उनके द्वारा मांगी गई तमाम महत्वपूर्ण फाइलें दो वर्षों से रोकी गई हैं, जबकि मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश के बावजूद उन्हें प्रस्तुत नहीं किया गया। मंत्री का यह पत्र लीक होते ही नौकरशाही और राजनीतिक गलियारे में हलचल मच गई है।

कौन हैं नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’

नंद गोपाल नंदी यूपी सरकार में औद्योगिक विकास जैसे महत्वपूर्ण विभाग के मंत्री हैं और प्रयागराज से विधायक हैं। वे बीजेपी के मजबूत नेताओं में गिने जाते हैं और पहले भी कई बार प्रशासनिक रवैये को लेकर सवाल उठाते रहे हैं। इस बार मामला बेहद गंभीर है क्योंकि उन्होंने औपचारिक रूप से मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है।

क्या लिखा है पत्र में

नंदी के पत्र के कुछ महत्वपूर्ण अंश:

  • “अधिकारी जानबूझकर मेरी फाइलें मंगाकर डंप कर देते हैं ताकि निर्णय में देरी हो।”
  • “कई प्रस्तावों को नियम विरुद्ध पारित किया गया, ताकि कुछ लोगों को फायदा मिल सके।”
  • “मेरे द्वारा बार-बार कहने के बावजूद अफसर आदेशों की अवहेलना करते रहे हैं।”
  • “तीन साल पहले विभागीय कामकाज के बंटवारे के निर्देश दिए थे, लेकिन उसकी फाइल ही गायब कर दी गई।”

मुख्यमंत्री को भेजी गई पूर्व की रिपोर्ट भी हुई नजरअंदाज

मंत्री ने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि उन्होंने 7 अक्टूबर 2023 को ऐसे मामलों की सूची मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी थी, जिसमें अधिकारियों के व्यवहार व अनियमितताओं का विस्तृत विवरण था। इसके जवाब में 29 अक्टूबर को सभी संबंधित फाइलों को एक सप्ताह में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन छह महीने बीत जाने के बाद भी कोई फाइल मंत्री को नहीं दी गई।
Minister Vs Bureaucracy

कैसे अफसरशाही सत्ता पर हावी हो रही है

उत्तर प्रदेश के कई मौकों पर मंत्रियों और विधायकों की शिकायतें सामने आती रही हैं कि उनके आदेशों की अनदेखी की जाती है:

  • 2022 में जल शक्ति मंत्री दिनेश खटीक ने इस्तीफे की पेशकश की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी बात न सुनी जाती है और विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है।
  •  वही पर कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार समेत कई भाजपा विधायक व सांसद खुले मंचों से अधिकारियों के व्यवहार पर असंतोष जता चुके हैं। 
  • विधायक और मंत्री IGRS पोर्टल पर लंबित शिकायतों और उनके फॉलो-अप की कमी को लेकर असहज रहे हैं।
Minister Vs Bureaucracy

प्रशासन की सफाई

नंदी के पत्र के सामने आने के बाद विभागीय स्तर पर हलचल मच गई है। सूत्रों के मुताबिक, विभाग अब मंत्री के आरोपों का “पुख्ता जवाब” तैयार कर रहा है। शीर्ष स्तर पर अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सभी आरोपों की जांच की जाए और एक विस्तृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री को प्रस्तुत की जाए। हालांकि विभाग के कुछ पूर्व अधिकारियों ने यह भी कहा है कि मंत्री की शिकायतों में “राजनीतिक दबाव” शामिल हो सकता है, और कुछ निर्णय नीति के अंतर्गत ही लिए गए हैं। मगर जब मंत्री स्वयं सवाल उठाए, तो इसे सिरे से नकारना संभव नहीं।

Hindi News / Lucknow / Minister Vs Bureaucracy: क्या यूपी में अफसरशाही ही असली सरकार बन गई है? मंत्री नंदी के खुलासे से हलचल

ट्रेंडिंग वीडियो