विधानसभा में AI पर बोले अभय सिंह, ‘ये तो ठग है…कुछ भी बताता है…दिए ऐसे उदाहरण लगे ठहाके;VIDEO
मानसूत्र से ठीक पहले एक AI पर चर्चा का सत्र रखा गया। इस सत्र में विधायक अभय सिंह ने अपने विचार रखें। उन्होंने कहा कि AI तो ठग है… कुछ भी बताता है। हमको आपका डाटा देता है आपको हमारा, बस इधर से उधर करता है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में AI के उपयोग से जनप्रतिनिधियों की कार्यकुशलता बढ़ाने के उद्देश्य से एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, विभिन्न दलों के विधायक और निर्दलीय विधायक अभय सिंह सहित कई सदस्यों ने हिस्सा लिया।
सत्र का संचालन सूचना-प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ डॉ. हर्षित और आशुतोष तिवारी ने किया, जिन्होंने AI के उपयोग और इसके लाभों की रूपरेखा प्रस्तुत की। सत्र में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के विचारों के साथ-साथ विधायक अभय सिंह के हल्के-फुल्के और मजेदार बयानों ने सदन में ठहाके लगवाए, जिससे माहौल गंभीर के साथ-साथ हल्का भी रहा।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि तकनीक समय के साथ बदलती रहती है और आधुनिक युग में विधायकों के लिए नई तकनीकों को अपनाना अनिवार्य हो गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि AI के माध्यम से न केवल विधायकों की कार्यकुशलता बढ़ाई जा सकती है, बल्कि जनता के साथ संवाद को अधिक पारदर्शी और त्वरित बनाया जा सकता है। महाना ने कहा, ‘AI का सही उपयोग कर हम जनता की समस्याओं को तेजी से समझ सकते हैं और उनके समाधान के लिए प्रभावी कदम उठा सकते हैं। यह तकनीक हमें डेटा-आधारित निर्णय लेने में मदद करेगी।’
अभय सिंह के बयानों ने बिखेरे ठहाके
सत्र के दौरान निर्दलीय विधायक अभय सिंह ने अपने अनोखे अंदाज में AI पर विचार रखे, जिसने पूरे सदन को हंसी से लोटपोट कर दिया। उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, ’15 साल पहले मैं Google भी यूज करता था, लेकिन अब ये AI और चैट GPT आ गया है। ये तो एक तरह का ठग है! ये हमसे डेटा लेता है, उनको देता है, उनसे लेता है, हमें देता है।’ उनकी इस टिप्पणी पर सदन में ठहाके गूंज उठे।
अभय सिंह ने आगे कहा, ‘अभी आपने बताया कि माता प्रसाद पांडेय जी 1974 में पहली बार मिले थे, लेकिन चैट GPT ने बताया कि 1980 में। अब हम तो आपकी बात को सही मानेंगे, चैट GPT को नहीं। ये AI जो है, ये बस डेटा इधर-उधर करता रहता है। अगर हम जनता का मूड जानना चाहें कि वो किस पार्टी को सपोर्ट कर रही है, तो क्या AI हमें सही बता पाएगा?’
‘AI पर पूरी तरह निर्भर हुए तो बेड़ा गर्क हो जाएगा’
अभय सिंह ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्होंने एक बार AI से अपनी कुंडली के बारे में पूछा। AI ने उनके राजयोग का समय गलत बताया, जिसे बाद में उसने खुद ही सुधार लिया। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, ‘AI ने कहा, ‘हां, मैं गलत था, आपके नक्षत्र नहीं देखे थे।’ ये बस हमारी दी हुई जानकारी को ही फिट करता है। अगर हम पूरी तरह AI पर निर्भर हो गए, तो जैसे Google Maps गाड़ी गलत रास्ते पर ले जाता है, वैसे ही ये हमें भी गिरा देगा। तात्कालिक जानकारी के लिए ठीक है, लेकिन अगर हम सारा काम इसके भरोसे करने लगे, तो हमारा बेड़ा गर्क हो जाएगा।’ उनके इस बयान पर सदन में फिर से ठहाके गूंजे।
हालांकि, अभय सिंह ने जो चिंता जाहिर की, वह भी महत्वपूर्ण है। विशेषज्ञों ने माना कि AI पूरी तरह विश्वसनीय नहीं है और इसे केवल एक सहायक उपकरण के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए। गलत डेटा या अपर्याप्त जानकारी के आधार पर AI गलत निष्कर्ष दे सकता है, जिससे नीतिगत निर्णय प्रभावित हो सकते हैं।
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