योजना का संक्षिप्त इतिहास
ट्रांसपोर्ट नगर योजना की शुरुआत वर्ष 1980 में हुई थी। यह योजना विशेष रूप से व्यापार, गोदाम, ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स सेक्टर की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार की गई थी। योजना के अंतर्गत लगभग 1900 भूखंड विकसित किए गए, जिनका आकार 50 वर्ग मीटर से 1,000 वर्गमीटर तक है। इन भूखंडों में से अधिकतर पर गोदाम, ट्रांसपोर्ट एजेंसी, लॉजिस्टिक केंद्र, सर्विस स्टेशन और व्यापारिक प्रतिष्ठान संचालित हैं।
अब तक लीज पर थी व्यवस्था
इन भूखंडों को लीज पर आवंटित किया गया था, जिसकी अवधि आमतौर पर 30 से 90 वर्षों तक की थी। हालांकि, लीज व्यवस्था के कारण आवंटियों को हर वर्ष लीज रेंट चुकाना पड़ता था। इसके अलावा, लीज के नियमों के कारण संपत्ति का पूर्ण स्वामित्व नहीं मिल पाता था और बैंक लोन या हस्तांतरण जैसी सुविधाएं भी सीमित थीं।
लीज से फ्री-होल्ड तक का रास्ता
एलडीए को लीज धारकों की ओर से लंबे समय से यह मांग मिल रही थी कि भूखंडों को फ्री-होल्ड में तब्दील किया जाए। 27 मार्च 2025 को आयोजित एलडीए बोर्ड की 184वीं बैठक में इस मांग पर सहमति बनी और प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई।इसके बाद प्राधिकरण ने तेजी दिखाते हुए प्रक्रिया को सार्वजनिक किया। अब सभी लीजधारक, जो ट्रांसपोर्ट नगर योजना में भूखंड के आवंटी हैं, जनहित पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन प्रक्रिया क्या है
- फ्री-होल्ड के लिए आवेदन करते समय आवंटियों को निम्नलिखित दस्तावेज अपलोड करने होंगे:
- ऑनलाइन आवेदन पत्र (जनहित पोर्टल पर)
- लीज डीड की सत्यापित प्रति (निबंधन कार्यालय से प्राप्त)
- अद्यतन लीज रेंट की रसीद
- शपथ पत्र (यह प्रमाणित करने के लिए कि उक्त भूखंड से संबंधित दस्तावेज और जानकारी सत्य है)
- इन दस्तावेजों के आधार पर प्राधिकरण नियमानुसार आवेदन की जांच करेगा और योग्य पाए गए मामलों में फ्री-होल्ड डीड जारी करेगा।
इससे क्या होंगे लाभ
- स्वामित्व अधिकार: भूखंड का स्थायी मालिकाना हक मिल जाएगा।
- बैंक लोन में सुविधा: अब संपत्ति को गिरवी रखकर ऋण प्राप्त करना आसान होगा।
- बिक्री और हस्तांतरण: भूखंड का कानूनी रूप से हस्तांतरण हो सकेगा।
- लीज रेंट से छुटकारा: अब हर साल किराया चुकाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- संवेदनशीलता समाप्त: भूखंड लीज पर होने के कारण पहले अधिकारियों की अनुमति अनिवार्य होती थी, अब सीधे अधिकार मिलेंगे।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
एलडीए के अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि“ट्रांसपोर्ट नगर योजना में लीज पर दिए गए भूखंडों को लेकर लंबे समय से फ्री-होल्ड की मांग की जा रही थी। बोर्ड की मंजूरी के बाद यह प्रक्रिया पारदर्शी और ऑनलाइन माध्यम से की जा रही है, जिससे किसी प्रकार की असुविधा न हो।”एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने निर्देश दिए हैं कि इस पूरी प्रक्रिया को समयबद्ध और सुगम बनाया जाए ताकि आवंटियों को कोई कठिनाई न हो।
आवंटियों से अपील
एलडीए ने सभी पात्र भूखंडधारकों से अनुरोध किया है कि वे शीघ्र आवेदन प्रक्रिया पूरी करें ताकि बिना किसी परेशानी के फ्री-होल्ड डीड उन्हें जारी की जा सके। इस प्रक्रिया से लखनऊ के व्यापारिक ढांचे को एक नई मजबूती मिलेगी और ट्रांसपोर्ट नगर एक संगठित व अधिकारिक व्यापारिक केंद्र के रूप में उभरेगा।