17 जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट
मौसम विभाग द्वारा जारी ताज़ा पूर्वानुमान के अनुसार जिन जिलों में भारी बारिश का विशेष अलर्ट जारी किया गया है, उनमें शामिल हैं:
- रेड अलर्ट: प्रयागराज, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर
- ऑरेंज अलर्ट: श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, वाराणसी, गोंडा, बाराबंकी, सुलतानपुर
- इन जिलों में जलभराव, बिजली गिरने, फसलों को नुकसान और यातायात बाधित होने की आशंका जताई गई है। जिला प्रशासन को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
26 जिलों में सामान्य से भारी बारिश की संभावना
मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि अयोध्या सहित कुल 26 जिलों में हल्की से मध्यम और कुछ स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है। इसके अलावा बिजली गिरने की घटनाएं भी हो सकती हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है।
भारी बारिश से जीवन अस्त-व्यस्त
प्रयागराज, वाराणसी और लखीमपुर खीरी से मिल रही जानकारी के अनुसार, बीते 24 घंटों में कई स्थानों पर 100 मिमी से अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है। इससे कई इलाकों में सड़कों पर जलभराव की स्थिति बन गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचा है और कई जगह पेड़ गिरने की घटनाएं भी सामने आई हैं।
किसानों को नुकसान की आशंका
खेतों में खड़ी धान और सब्जी की फसलों पर इस तेज बारिश का प्रतिकूल असर पड़ सकता है। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यदि लगातार बारिश होती रही तो फसलों में सड़न और जलभराव की स्थिति बन सकती है, जिससे बड़े स्तर पर नुकसान संभव है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों से अपील की है कि वे अपनी फसलों में जल निकासी की व्यवस्था करें और मौसम के अनुसार जरूरी कदम उठाएं।
स्कूलों और दफ्तरों पर असर
कुछ जिलों में ज़िलाधिकारियों ने स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद करने का आदेश भी दिया है, विशेषकर वे स्कूल जो निम्न इलाकों में स्थित हैं। वहीं दफ्तरों में उपस्थिति प्रभावित हुई है और यातायात पर असर पड़ा है। कई जिलों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।
स्वास्थ्य विभाग को भी अलर्ट
मूसलाधार बारिश के कारण डेंगू, मलेरिया और जलजनित बीमारियों के फैलने की आशंका बढ़ जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग को सभी PHC और CHC में स्टॉक और सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रशासन की तैयारियां
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और जिला प्रशासन ने NDRF और SDRF की टीमें अलर्ट मोड पर रखी हैं। आपात सेवाओं के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर दिए गए हैं। स्थानीय निकायों को जल निकासी के लिए पंप सेट चालू रखने और जरूरी स्थानों पर सैंडबैग्स लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
रेलवे और यातायात पर असर
बारिश के कारण कुछ जिलों में रेलवे ट्रैक पर जलभराव की सूचना मिली है, जिससे ट्रेनों की गति धीमी कर दी गई है। साथ ही, सड़कों पर फिसलन के चलते दोपहिया वाहनों की दुर्घटनाएं बढ़ने की आशंका है।
अगले 48 घंटे और भारी
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 48 घंटे और भी अधिक संवेदनशील हो सकते हैं क्योंकि बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी युक्त हवाएं प्रदेश के अंदरुनी हिस्सों तक पहुंच रही हैं। इसका प्रभाव पूर्वांचल, अवध और तराई बेल्ट में ज्यादा देखने को मिल सकता है। क्या करें, क्या न करें: सावधानियाँ
करें: - मौसम पूर्वानुमान को नियमित रूप से सुनते रहें।
- यात्रा से पहले मार्ग की जानकारी ले लें।
- बिजली गिरने के समय खुले में न रहें।
- फसलों से पानी निकासी की व्यवस्था रखें।
- घरों की छतों की सफाई कर लें।
न करें: - जलभराव वाले रास्तों से न गुजरें।
- बच्चों को जलजमाव वाली जगहों पर खेलने न दें।
- पेड़ के नीचे शरण न लें।
राज्य के अनेक हिस्सों में हो रही भारी बारिश ने जहां एक ओर गर्मी से राहत दी है, वहीं दूसरी ओर आमजन और किसानों के लिए नई मुसीबत भी खड़ी कर दी है। मौसम विभाग और प्रशासन की चेतावनी को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। इसलिए नागरिकों से अपील की जाती है कि वे मौसम के प्रति सजग रहें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।