
भारी बारिश के आंकड़े: रायबरेली और बदायूं में वर्षा का कहर
सोमवार को रिकॉर्ड की गई भारी बारिश में रायबरेली ने सबसे ऊपर स्थान हासिल किया जहाँ 202 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा बदायूं में 190 मिमी, अयोध्या में 151 मिमी, बाराबंकी में 140 मिमी, और संभल में 122 मिमी वर्षा हुई।इन जिलों में जलभराव के कारण सड़कों पर यातायात बाधित हुआ है, कई मोहल्लों और बस्तियों में घरों में पानी भर गया है, और बिजली की आपूर्ति भी ठप रही।
कहां-कहां है ऑरेंज अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के निम्नलिखित 19 जिलों के लिए मंगलवार को ‘ऑरेंज अलर्ट’ घोषित किया है, जिसका मतलब है कि इन क्षेत्रों में भारी से अति भारी वर्षा की प्रबल संभावना है और प्रशासन को पूरी तरह सतर्क रहना चाहिए:- बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, फर्रुखाबाद,
- सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, कासगंज,
- बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली,
- पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल, और बदायूं।

येलो अलर्ट वाले 25 जिले
इन जिलों में बारिश की तीव्रता ऑरेंज अलर्ट वाले जिलों की तुलना में थोड़ी कम है, लेकिन सामान्य से अधिक वर्षा और अस्थायी जलभराव की संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता:- गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज,
- सिद्धार्थ नगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, कन्नौज,
- कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी,
- बागपत, गाजियाबाद, हापुड़, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर,
- अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, एटा, और मैनपुरी।
वज्रपात से सावधान: 44 जिलों में बिजली गिरने की आशंका
मौसम विभाग ने चेताया है कि 44 जिलों में आकाशीय बिजली गिरने की प्रबल संभावना है। ये घटनाएं अक्सर जानलेवा साबित होती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले किसान, पशु पालक और मजदूरों को खासतौर पर सतर्क रहने की सलाह दी गई है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. अतुल कुमार सिंह के अनुसार, “पूर्वी उत्तर प्रदेश और तराई क्षेत्र में मानसूनी गतिविधि अत्यंत सक्रिय है। 6 अगस्त की शाम से बारिश की तीव्रता में धीरे-धीरे कमी आने की उम्मीद है, लेकिन तब तक व्यापक एहतियात जरूरी है।”प्रशासन सतर्क, राहत कार्य शुरू
राज्य सरकार ने संबंधित जिलों के प्रशासन को अलर्ट मोड में काम करने के निर्देश दिए हैं। एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमों को संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आपदा नियंत्रण कक्ष को 24 घंटे सक्रिय रखने और आवश्यक संसाधनों को तत्पर रखने के आदेश दिए हैं। सभी जिलों में एसडीएम और तहसीलदार को निचले इलाकों का निरीक्षण करने तथा राहत शिविरों की तैयारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
जनजीवन पर असर
- यातायात बाधित: कई क्षेत्रों में सड़कें पानी में डूब गई हैं, जिससे स्कूल बसें, एम्बुलेंस और दैनिक आवागमन प्रभावित हुआ है।
- शैक्षणिक संस्थान बंद: कुछ जिलों में स्थानीय प्रशासन ने स्कूलों और कॉलेजों को अस्थायी रूप से बंद रखने का आदेश दिया है।
- फसलें बर्बाद: लगातार बारिश के कारण धान की रोपाई तो पूर्ण हुई, लेकिन जलभराव से खेतों में पौधों को नुकसान की संभावना है।
- स्वास्थ्य पर असर: बारिश के कारण मलेरिया, डेंगू और जल जनित बीमारियों के फैलने का खतरा भी बढ़ गया है।
सावधानी ही सुरक्षा
- मौसम विभाग और प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे निम्नलिखित सावधानियों का पालन करें:
- तेज बारिश या गरज-चमक के समय घर से बाहर न निकलें।
- बिजली गिरने की आशंका के समय मोबाइल फोन, छाते या किसी भी धातु से दूरी बनाए रखें।
- बच्चों और बुजुर्गों को निचले इलाकों या जलभराव वाले क्षेत्रों में जाने से रोकें।
- अफवाहों से बचें और केवल सरकारी या आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें।