72 वर्षीय सलाउद्दीन उर्फ लाला के परिवार में उसकी पत्नी के अलावा दो बेटियां है। एक बेटी नॉर्वे और दूसरी इंटीग्रल विवि में पढ़ाई कर रही है। बताते हैं कि कुछ साल पहले तक सलाउद्दीन डाकघर के पास दवाखाना चलाता था। वह हथियारों का सप्लायर कैसे बन गया? पुलिस इस सवाल का जवाब ढूंढ रही है।
पुलिस ने सलाउद्दीन उर्फ हकीम, पत्नी, बेटी और एक युवक से पूछताछ के बाद हकीम को गिरफ्तार कर लिया। शुक्रवार दोपहर पुलिस ने उसे जेल भेज दिया।आशंका है कि उसके यहां असलहे बनाकर सप्लाई हो रही थी। प्रदेश भर में हथियार भेजे जा रहे थे। फिलहाल पुलिस इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं बता रही है। एडीसीपी जितेंद्र दुबे ने बताया कि हकीम के घर से बड़ी संख्या में असलहे, कारतूस, उपकरण आदि मिला है।
हकीम के पाकिस्तानी कनेक्शन खंगाल रही पुलिस
पुलिस को जांच में पता चला कि सलाउद्दीन उर्फ हकीम की पाकिस्तान में रहने वाले कई लोगों से बातचीत होती थी। अब पुलिस और खुफिया विभाग उसके पाकिस्तानी और अंतरराज्यीय कनेक्शन खंगाल रही है। आरोपी के खिलाफ मलिहाबाद थाने में दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं। उसके घर से प्रतिबंधित पशु हिरन की खाल भी बरामद हुई है। पुलिस आरोपी के घरवालों और रिश्तेदारों की भी जांच कर रही है। सलाउद्दीन की भतीजी का निकाह एक पाकिस्तानी से छह साल पहले हुआ था। वह पाकिस्तान में ही रहती है। सलाउद्दीन और उसके घरवालों का पाकिस्तान आना-जाना भी था। वहीं, उसके रिश्तेदार भी यहां आते थे। पहलगाम हमले के बाद केंद्र सरकार द्वारा की गई सख्ती पर पाकिस्तानियों का आना-जाना बंद हुआ है। सलाउद्दीन की पाकिस्तान में रहने वाले तमाम लोगों से फोन पर बातचीत भी होती थी। इसके साक्ष्य भी पुलिस को मिले हैं।
लैपटाप से मिली अहम जानकारी
एडीसीपी उत्तरी जितेंद्र कुमार दुबे ने बताया कि आरोपी के पास से बरामद मोबाइल और लैपटाप में भी गिरोह जुड़े कई संदिग्ध लोगों की जानकारी मिली है। उनके बारे में ब्योरा जुटाया जा रहा है। मौके से हिरन की खाल भी मिली है।
घर पर आती थी लग्जरी गाड़ियां
सलाउद्दीन उर्फ हकीम के घर पर असलहा खरीदने वाले और तस्कर बड़ी-बड़ी लग्जरी गाड़ियों से आते थे। अक्सर उसके घर के आगे कारों का ताता लगा रहता था। पुलिस अब सीसी फुटेज से इस संबंध में जानकारी जुटा रही है। साथ ही सलाउद्दीन से भी पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं। उसके आधार पर तफ्तीश आगे बढ़ा रही है। वहीं, स्थानीय लोगों ने बताया कि सलाउद्दीन के घर चार से पांच कमरे बने हुए हैं। उनमें असलहा बनाने वाले कारीगर रहते थे।
थाने से कुछ ही दूरी पर बन रहे थे हथियार
थाने और एसीपी दफ्तर से चंद कदम दूरी पर मलिहाबाद के मिर्जागंज में करीब 20 साल से सलाउद्दीन उर्फ लाला असलहा फैक्टरी चला रहा था। थाने और एसीपी दफ्तर में तैनात करीब 50 पुलिस कर्मियों को इसकी भनक तक नहीं लगी और वह अपना काम करता रहा।
यह सामान किया गया बरामद
तीन पिस्टल 32 बोर, एक तमंचा 315 बोर, दो तमंचे .22 बोर, एक रायफल .22 बोर, सात एयरगन, 18 कारतूस.315 बोर, 68 कारतूस .22, 30 कारतूस 12 बोर, दो कारतूस 32 बोर, छह बांका, दो छूरी, एक आरी, नौ फरसा, अर्धर्निमित शस्त्र एवं उससे संबंधित सामान, दो हजार रुपये, प्रबंधित पशु हिरन की खाल। एडीसीपी उत्तरी ने बताया कि आरोपी के खिलाफ दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं। पहला आर्म्स एक्ट समेत अन्य धाराओं में है। दूसरा मुकदमा वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धारा 9/51 में है। दोनों मुकदमों में पुलिस ही वादी है।